क्या भारत ने ढाका में दुर्गा मंदिर गिराने पर यूनुस सरकार को घेरा?

Click to start listening
क्या भारत ने ढाका में दुर्गा मंदिर गिराने पर यूनुस सरकार को घेरा?

सारांश

भारत ने बांग्लादेश में दुर्गा मंदिर के गिराए जाने की घटना की निंदा की है। जानिए यूनुस सरकार पर उठे सवाल और कट्टरपंथियों के प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत ने ढाका में दुर्गा मंदिर के गिराए जाने की कड़ी निंदा की।
  • मोहम्मद यूनुस सरकार पर कट्टरपंथियों के दबाव में फैसले लेने का आरोप।
  • हिंदू समुदाय की सुरक्षा की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार पर।
  • संस्थागत डर और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ संगठित उत्पीड़न का मुद्दा।
  • भारत की विदेश नीति पर नज़र रखने की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुर्गा मंदिर के गिराए जाने की घटना की कड़ी निंदा की है और मोहम्मद यूनुस सरकार पर तीखा हमला किया है। भारत ने इसे कट्टरपंथियों के दबाव में लिया गया फैसला बताया है और कहा है कि मंदिर को अवैध जमीन कब्जे का मामला बताकर गिराया गया, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा, "हमें जानकारी मिली है कि ढाका के खीलखेते स्थित दुर्गा मंदिर को कट्टरपंथी तत्वों द्वारा गिराने की मांग की जा रही थी। अंतरिम सरकार ने मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय इसे अवैध भूमि उपयोग का मामला बताकर गिरा दिया।"

उन्होंने कहा कि इस घटना में देवी की मूर्ति को नुकसान पहुंचा, जिसे बाद में हटाया गया। जायसवाल ने कहा, "हम इस बात से आहत हैं कि बांग्लादेश में इस प्रकार की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समुदाय, उनकी संपत्ति और धार्मिक स्थलों की रक्षा करे।"

इससे पहले इस सप्ताह, ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (एचआरसीबीएम) ने एक और घटना उजागर की थी, जिसमें दिनाजपुर जिले में महासती मनसा और दुर्गा मंदिर को असामाजिक तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया।

एचआरसीबीएम के बयान में कहा गया, "हमलावरों ने मंदिर में तोड़फोड़ की, मूर्तियों को खंडित किया और देवी मनसा की मूर्ति का सिर काट डाला। यह एक अत्यंत अपमानजनक और डर फैलाने वाला कृत्य था, जिसका उद्देश्य हिंदू अल्पसंख्यकों को डराना और अपमानित करना था।"

कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के बीच संस्थागत डर व्यापक है, जो वर्षों से हो रही हिंसा, सामाजिक बहिष्कार और प्रणालीगत असफलताओं से उत्पन्न हुआ है।

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ संगठित उत्पीड़न जारी है।

इस बीच, जब चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की हालिया त्रिपक्षीय बैठक के बारे में सवाल पूछा गया तो विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने पड़ोस में हो रहे घटनाक्रमों पर सतर्क नजर रखे हुए है।

Point of View

जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। देश की सरकार को चाहिए कि वह सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का पालन करे और सुरक्षा सुनिश्चित करे।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है?
जी हां, हाल की घटनाओं से स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न जारी है।
भारत ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
भारत ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि वह हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
क्या इस घटना का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव होगा?
यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों के मुद्दे पर गंभीर सवाल खड़े करती है।