क्या हूती विद्रोहियों के प्रमुख कमांडर की मौत भारत के लिए महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- हूती विद्रोहियों के कमांडर मोहम्मद अल-गमारी की मौत हुई।
- इजरायल के हमले में घायल होने के कारण उनकी मृत्यु हुई।
- यह घटना क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकती है।
- हूती विद्रोहियों ने इसे जिहाद के दौरान लड़ते हुए बताया।
- इजरायल और अमेरिका के सैन्य गठबंधन ने हूती पर हमले जारी रखे हैं।
नई दिल्ली, १६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यमन में हूती विद्रोहियों के सैन्य कमांडर मोहम्मद अल-गमारी का निधन हो गया है, जैसा कि ईरान समर्थित समूह ने बताया। इस बीच, इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि उनकी मौत इजरायली हमले में घायल होने के बाद हुई।
हूती विद्रोहियों ने अपने कमांडर के निधन की सूचना दी। संगठन ने टेलीग्राम पर यह जानकारी साझा की और कहा कि उनकी मौत “जिहाद के लिए लड़ते हुए” हुई। हालांकि, मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं किया गया।
इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि अगस्त में इजरायली हमले में हूती सेना के प्रमुख मुहम्मद अल-गमारी घायल हुए थे। इस हमले में हूती प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री भी मारे गए थे।
काट्ज ने कहा, “अल-गमारी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे। इससे पहले जून में भी एक इजराइली हमले में वह घायल हुए थे।”
द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, इजरायल ने १२ जून को अल-गमारी और अन्य वरिष्ठ हूती अधिकारियों पर हमले की कोशिश की थी। उस समय की रिपोर्टों में संकेत मिला था कि अल-गमारी गंभीर रूप से घायल हुए थे।
आईडीएफ ने पुष्टि की थी कि उन्होंने हूती के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद अब्दुल करीम अल-गमारी को समाप्त करने की कोशिश की थी।
अगस्त में भी हूती नेताओं पर इजरायली हमले में अल-गमारी को निशाना बनाया गया था। उस हमले में हूती प्रधानमंत्री के अलावा एक दर्जन अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। यमन की राजधानी सना में किए गए हवाई हमले में हूती चरमपंथियों के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मृत्यु हो गई थी। इजरायल ने २८ अगस्त को सना में एयरस्ट्राइक की थी। रहावी अपने अपार्टमेंट में थे।
हूती यमन के लाल सागर तट और राजधानी सना सहित देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं। इन्होंने गाजा में इजरायल-हमास के संघर्ष के दौरान इजरायल पर कई हमले किए हैं। लाल सागर से गुजरते जहाजों को भी निशाना बनाते रहे हैं।
लगातार हमलों के जवाब में इजराइल और अमेरिका के सैन्य गठबंधन ने यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों पर महीनों तक हमले जारी रखे।