क्या हुसैन दलवई ने बुर्के पर बैन की मांग को समाज को बांटने की साजिश बताया?

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क्या हुसैन दलवई ने बुर्के पर बैन की मांग को समाज को बांटने की साजिश बताया?

सारांश

बिहार में नीतीश कुमार द्वारा बुर्का हटाने की कोशिश पर उठे विवाद में हुसैन दलवई ने कहा कि यह मांग समाज को बांटने की साजिश है। क्या ये बयान समाज में अशांति फैलाने की कोशिश हैं? जानिए इस मुद्दे पर क्या कहते हैं नेता और समाजवादी पार्टी।

Key Takeaways

  • बुर्का बैन की मांग को समाज को बांटने की साजिश बताया गया।
  • हुसैन दलवई ने गलत बयानों पर सवाल उठाए।
  • गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का बचाव किया।
  • समाजवादी पार्टी ने संविधान के अधिकारों की रक्षा की।
  • इस मुद्दे पर विभिन्न नेताओं की प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण हैं।

मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं का बुर्का हटाने की कोशिश से उत्पन्न विवाद के बीच, विश्व हिंदू परिषद ने बुर्का बैन की मांग उठाई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई ने इस मांग को समाज को बांटने की साजिश करार दिया।

हुसैन दलवई ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "वर्तमान में इस तरह की मांगें बार-बार उठाई जा रही हैं और लोग इस तरह के बयान देते रहते हैं। उत्तर भारत में महिलाओं से जुड़ी प्रथाओं पर बैन लगाने की बातें हो रही हैं। जानबूझकर ऐसे बयान देना गलत है, इससे अशांति फैलती है और समाज में विभाजन होता है।"

दलवई ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के नीतीश कुमार के पक्ष में दिए गए बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "वे अक्सर इस तरह के कई बयान देते हैं। एक मंत्री ने यह भी कहा कि केवल बुर्के को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अन्य कपड़ों को नहीं।"

उन्होंने यह भी पूछा कि क्या वे अपनी बहन या पत्नी के बारे में ऐसा बोलना पसंद करेंगे? "मैं ऐसा नहीं करूंगा," उन्होंने कहा।

गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कोई गलत काम नहीं किया है। यदि कोई नियुक्ति पत्र लेने जा रहा है, तो क्या वह अपना चेहरा नहीं दिखाएगा? नीतीश कुमार ने एक अभिभावक की तरह यह कदम उठाया है। क्या लोग पासपोर्ट लेने या एयरपोर्ट पर जाते समय अपना चेहरा नहीं दिखाते? भारत में कानून का राज चलेगा, नीतीश कुमार ने सही किया।

उधर, विश्व हिंदू परिषद के बुर्का बैन की मांग पर समाजवादी पार्टी ने कड़ा विरोध किया। सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, "मेरे अनुसार, देश अभी भी संविधान के अनुसार चलता है। हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं और हमारे अधिकार संविधान द्वारा दिए गए हैं।"

उन्होंने कहा, "वे कौन होते हैं यह तय करने वाले कि हमें कैसे रहना चाहिए? हर कोई अपनी मर्जी से अपना संगठन चलाने के लिए स्वतंत्र है। हम किसी के नियंत्रण में नहीं हैं।"

Point of View

बल्कि यह समाज में विभाजन और अशांति का कारण भी बन सकता है। नेताओं को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन क्या यह उनके कर्तव्य में शामिल नहीं है कि वे समाज में एकता बनाए रखें?
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या हुसैन दलवई ने बुर्का बैन की मांग का विरोध किया?
हाँ, हुसैन दलवई ने इसे समाज को बांटने की साजिश बताया है।
गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का बचाव क्यों किया?
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कोई गलत काम नहीं किया है और कानून का राज चलेगा।
समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया क्या थी?
समाजवादी पार्टी ने इस मांग का कड़ा विरोध किया और संविधान के अधिकारों की बात की।
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