क्या हुसैन दलवई ने पश्चिम बंगाल सरकार के बाबरी मस्जिद के बयान पर सही कहा?
सारांश
Key Takeaways
- बाबरी मस्जिद का मुद्दा राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
- हुसैन दलवई ने इसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा है।
- सरकार को सेक्युलर तरीके से कार्य करना चाहिए।
- मजहबी मुद्दों को उठाना समाज में तनाव पैदा कर सकता है।
- धार्मिक स्थलों का निर्माण धार्मिक समुदायों का कार्य है।
मुंबई, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता के 6 दिसंबर को पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास पर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने शनिवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
हुसैन दलवई ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "मेरे अनुसार, इस मुद्दे पर बार-बार चर्चा करना पूरी तरह से अनुचित है। 1992 में जिस प्रकार बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया, वह अत्यंत गलत था। अब पुरानी बातों को उखाड़कर केवल वोट के लिए ऐसे बयानों का देना सरासर गलत है। देश का संचालन संविधान के अनुसार होना चाहिए, इसलिए मजहबी मुद्दों पर बात नहीं होनी चाहिए। सरकार में बैठे नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए। यदि पश्चिम बंगाल की सरकार इस पर बयान देकर लोगों का वोट लेना चाहती है, तो यह बिल्कुल अनुचित है।"
उन्होंने आगे कहा, "मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे का निर्माण धार्मिक समुदाय द्वारा किया जाता है। लोग धार्मिक होते हैं, लेकिन सरकार को सेक्युलर तरीके से कार्य करना चाहिए। ऐसे बयानों से मुसलमानों को भड़काना उचित नहीं है। यदि सरकार मुसलमानों के लिए कुछ करना चाहती है, तो उसे उनके बच्चों को शिक्षा और नौकरी देनी चाहिए। व्यापार के लिए स्थान और पूंजी मुहैया करानी चाहिए। कल्याण की बात करने के बजाय जज्बातों की बात नहीं करनी चाहिए। मुसलमानों को उकसाना गलत है।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "मुसलमानों के वोट के लिए ऐसी बातें करना बिल्कुल गलत है। मुसलमान ऐसा नहीं चाहते। मस्जिद और मंदिर बनाने का कार्य धार्मिक लोग ही करते हैं। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। पश्चिम बंगाल में वोट के लिए मुसलमानों को भड़काने का प्रयास किया जाता है। यही काम भाजपा भी हिंदुत्व के नाम पर करती है। मैं इन सभी बातों का हमेशा विरोध करता हूं। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। यदि मुसलमान शांति से रहना चाहते हैं, तो उन्हें रहने दिया जाना चाहिए।"
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हिंदुत्व पर दिए गए हालिया बयान पर दलवई ने कहा, "किसी भी समाज को डराना नहीं चाहिए। कोई भी समाज समाप्त नहीं होगा। इस प्रकार के बयानों से हिंदुओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। हिंदू के समाप्त होने का कोई सवाल नहीं है। भारत के अलावा इंग्लैंड और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में हिंदू हैं। लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसे बयानों का प्रयोग किया जाता है और मैं इसका विरोध करता हूं।