क्या हैदराबाद में 1.95 करोड़ रुपए की 'डिजिटल अरेस्ट' के मामले में गुजरात के दो लोग गिरफ्तार हुए?

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क्या हैदराबाद में 1.95 करोड़ रुपए की 'डिजिटल अरेस्ट' के मामले में गुजरात के दो लोग गिरफ्तार हुए?

सारांश

हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में एक महिला से 1.95 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में गुजरात के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला साइबर धोखाधड़ी का है, जिसमें आरोपियों ने फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे का सच।

Key Takeaways

  • साइबर धोखाधड़ी से सतर्क रहें।
  • फर्जी कॉल पर विश्वास न करें।
  • अगर आपको किसी सरकारी अधिकारी से संपर्क किया जाए, तो उसकी पुष्टि करें।
  • धोखाधड़ी के मामलों में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
  • साइबर सुरक्षा के उपायों को अपनाएं।

हैदराबाद, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हैदराबाद पुलिस ने एक महिला से 1.95 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में गुजरात के दो व्यक्तियों को पकड़ा है।

साइबर क्राइम पुलिस ने गुजरात के भावनगर निवासी सैयद शोएब जाहिद भाई और बेलीम अनस रहीम भाई को गिरफ्तार किया है।

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के उपायुक्त वी. अरविंद बाबू ने बताया कि आरोपियों ने ठगी की रकम को प्राप्त और निकालने के लिए कई फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया, जिसे बाद में हवाला नेटवर्क के माध्यम से दुबई में स्थित साइबर धोखेबाजों को भेजा गया।

साइबर क्राइम पुलिस को 13 दिसंबर को पीड़िता से शिकायत मिली, जिसमें उसने बताया कि उसे 'डिजिटल अरेस्ट' के झांसे में फंसाया गया था।

पीड़िता को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कई फोन आए, जिन्होंने खुद को सरकारी और दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया। उन्होंने उसके पति पर गंभीर अपराधों में लिप्त होने का झूठा आरोप लगाकर, उसे तत्काल गिरफ्तारी की धमकी दी, जिससे पीड़िता में भय और दहशत पैदा हो गई।

फर्जी पहचानों का उपयोग करते हुए, जालसाजों ने पीड़िता का विश्वास जीता और उसे करेंसी सीरियल नंबरों की जांच और मामले की निपटान प्रक्रिया के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।

पीड़िता ने दबाव में आकर अपने बैंक खातों से जालसाजों द्वारा दिए गए खातों में आरटीजीएस के माध्यम से 1,95,76,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस के अनुसार, जाहिद भाई ने धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जी बैंक खाते खोलने में मदद की, धोखाधड़ी से प्राप्त धन की निकासी में सुविधा प्रदान की, और अपने नियंत्रण वाले फर्जी खातों के माध्यम से जमा पर 15 प्रतिशत कमीशन प्राप्त किया, जबकि रहीम भाई ने उच्च स्तरीय अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार काम किया और फर्जी खातों का प्रबंधन किया।

आरोपी साइबर अपराध के आदी हैं, और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए खाते 22 मामलों में शामिल हैं। जालसाजों द्वारा दिए गए खातों के माध्यम से लगभग 3.5 करोड़ रुपए के लेनदेन किए गए।

Point of View

बल्कि यह भी बताता है कि कैसे आम नागरिक आसानी से ठगी का शिकार बन सकते हैं। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन समाज के सभी सदस्यों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

इस धोखाधड़ी के पीछे के आरोपी कौन हैं?
गुजरात के भावनगर निवासी सैयद शोएब जाहिद भाई और बेलीम अनस रहीम भाई इस धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी हैं।
पीड़िता ने कितनी राशि ट्रांसफर की थी?
पीड़िता ने 1,95,76,000 रुपए ट्रांसफर किए थे।
जालसाजों ने कौन से तरीके अपनाए थे?
जालसाजों ने फर्जी सरकारी अधिकारियों के रूप में फोन करके और झूठे आरोप लगाकर पीड़िता को ठगा।
पुलिस ने कब शिकायत प्राप्त की?
पुलिस को 13 दिसंबर को पीड़िता से शिकायत मिली थी।
क्या आरोपियों के खिलाफ पहले से कोई मामला दर्ज था?
हाँ, आरोपी साइबर अपराध के आदी हैं और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए खाते 22 मामलों में शामिल हैं।
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