क्या आईडीएफ का दावा सच है, 'हमारे सटीक हमले में कुद्स फोर्स के दो टॉप कमांडर की मौत हुई?'

सारांश
Key Takeaways
- आईडीएफ ने सटीक हमले किए हैं।
- सईद इजादी और बेहनाम शाहरियारी की मौत हुई है।
- ईरान के कुद्स फोर्स की गतिविधियों पर असर पड़ा है।
- यह इजरायल के लिए एक रणनीतिक जीत हो सकती है।
- क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
तेल अवीव, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को यह जानकारी दी है कि उनके सटीक हमलों में वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी सईद इजादी और कुद्स फोर्स के वेपन ट्रांसफर यूनिट कमांडर बेहनाम शाहरियारी की पश्चिमी ईरान में मौत हो गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में, आईडीएफ ने बताया, "ईरानी शासन के इजरायल को नष्ट करने की योजना के संस्थापक सईद इजादी को आईडीएफ के सटीक हमले में मार गिराया गया। इजादी, कुद्स फोर्स के (फिलिस्तीन कोर) कमांडर भी थे, जो ईरानी शासन और हमास के बीच एक मुख्य समन्वयक और 7 अक्टूबर के नरसंहार के मुख्य संचालकों में से एक थे।"
आईडीएफ ने बताया कि इजादी ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के वरिष्ठ कमांडर्स और हमास के प्रमुख लोगों के बीच सैन्य समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह इजरायल के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाने के लिए ईरान की ओर से हमास को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते थे।
एक्स पोस्ट में लिखा गया, "युद्ध के दौरान, इजादी ने लेबनान से संचालित हमास बलों को निर्देशित किया। तभी से, वह हमास की सैन्य शाखा के पुनर्निर्माण और हमास को गाजा पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्रिय रूप से शामिल था।"
एक अन्य पोस्ट में कार पर हमले का एक वीडियो शेयर किया गया। आईडीएफ ने बेहनाम शाहरियारी की मौत का दावा करते हुए लिखा, "आईआरजीसी में कुद्स फोर्स के वेपन ट्रांसफर यूनिट के कमांडर बेहनाम शाहरियारी को पश्चिमी ईरान में आईडीएफ के सटीक हमले में मार गिराया गया। शाहरियारी ईरानी शासन से लेकर मध्य पूर्व में (प्रॉक्सी के तौर पर) सभी हथियारों के ट्रांसफर के लिए जिम्मेदार था, ताकि सीधे तौर पर ईरानी शासन की इजरायल को नष्ट करने की योजना को आगे बढ़ाया जा सके।"
आईडीएफ ने आगे लिखा, "शाहरियारी ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों को सालाना सैकड़ों मिलियन डॉलर के ट्रांसफर की भी कमान संभाली। इसके अलावा, उन्होंने इन आतंकवादी संगठनों को फाइनेंस करने और हथियार देने के व्यापक प्रयास का नेतृत्व किया। एक ऐसा प्रयास जिसके परिणामस्वरूप कई इजरायली नागरिक और सैनिक मारे गए और घायल हुए। पश्चिमी ईरान में यात्रा करते समय उन्हें इजरायल से 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर मार गिराया गया। उनका खात्मा युद्ध के दौरान आईडीएफ के भारी नुकसान पहुंचाए जाने के बाद इजरायल के आसपास के आतंकवादी संगठनों की फिर से संगठित होने और मजबूत होने की क्षमता के लिए एक गंभीर झटका है।