क्या इल्तिजा मुफ्ती ने 'सहिष्णुता' पर निशाना साधा?

सारांश
Key Takeaways
- इल्तिजा मुफ्ती का बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना है।
- सहिष्णुता और धार्मिक भावनाओं का सम्मान अत्यंत आवश्यक है।
- हजरतबल दरगाह विवाद पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।
- वक्फ बोर्ड की संवेदनहीनता पर भी चर्चा हुई है।
- बाबरी मस्जिद का मुद्दा आज भी सामाजिक विवाद का हिस्सा है।
श्रीनगर, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक बयान दिया है, जिसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा को और तेज कर दिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के माध्यम से कहा है कि बाबरी मस्जिद गिराने वाले हमें सहिष्णुता का पाठ पढ़ाएंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "जिस तरह से कुछ लोग बाबरी मस्जिद गिराने को सही ठहराते हैं और हर बार गाय की रक्षा के नाम पर एक निर्दोष मुसलमान को शक के आधार पर पीटकर मार डालने वाले हिंसक समूहों का समर्थन करते हैं, वही लोग अब हमें कश्मीरियों को सहिष्णुता का पाठ पढ़ाएंगे। पाखंड की भी कोई हद होती है।"
गौरतलब है कि शनिवार को हजरतबल दरगाह विवाद पर इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई को चौंकाने वाला और बेतुका बताया था। इल्तिजा ने सीधे तौर पर वक्फ बोर्ड पर भी निशाना साधा और कहा था कि धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाई गई है।
इल्तिजा मुफ्ती ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा था, "यह बेहद चौंकाने वाला और बेतुका है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर दी, जबकि वे जानते हैं कि हजरतबल दरगाह में धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाई गई।"
इल्तिजा ने अपने 'एक्स' पोस्ट में वक्फ बोर्ड की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, "वक्फ पूरी तरह से मुसलमानों का है, फिर भी उन्होंने घोर उपेक्षा और असंवेदनशीलता दिखाई। इन लोगों पर तुरंत मामला दर्ज होना चाहिए।"