क्या इरिल नदी ने इम्फाल ईस्ट में कहर बरपाया?

सारांश
Key Takeaways
- इरिल नदी ने इम्फाल ईस्ट क्षेत्र में बाढ़ लाई।
- 4,000 से अधिक घर जलमग्न हुए।
- स्थानीय किसानों की फसलें बर्बाद हुईं।
- राहत कार्य जारी हैं।
- भविष्य में और प्रभावित क्षेत्रों की आशंका है।
इम्फाल, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के इम्फाल ईस्ट जिले में 15 सितंबर की सुबह एक बडी आपदा आई, जब इरिल नदी ने अचानक अपनी सीमा को तोड़ते हुए आस-पास के क्षेत्रों में प्रवेश कर लिया। यह खतरनाक स्थिति सुबह लगभग 4 बजे उत्पन्न हुई, जब नदी ने क्षेत्रिगाओ क्षेत्र में अपने तटबंध को तोड़ दिया। इस बाढ़ के कारण 4,000 से अधिक घर जलमग्न हो गए और हजारों लोग प्रभावित हुए।
क्षेत्रिगाओ विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ लमलाई विधानसभा क्षेत्र भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लमलाई में सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई, जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। इससे स्थानीय किसानों की आजीविका पर गहरा संकट मंडरा रहा है। बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि याइरिपोक क्षेत्र में एक प्रमुख पुल बह गया, जिससे पूरे क्षेत्र की आवाजाही पर असर पड़ा है।
सुबह जब पानी ने अचानक क्षेत्रिगाओ में घरों को घेर लिया, तब लोग गहरी नींद में थे। हालांकि स्थानीय प्रशासन और राहत दलों ने समय पर कार्रवाई करते हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म डूब गए। हजारों मुर्गियां और बत्तखें बाढ़ की चपेट में आकर मर गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
भले ही घाटी क्षेत्र में बारिश में कुछ कमी आई है, लेकिन आसपास के पहाड़ी इलाकों में अब भी मूसलाधार बारिश जारी है, जिससे नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। कई गांव आज भी पूरी तरह पानी से घिरे हुए हैं।
एसडीआरएफ, पुलिस बल और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है, और खाद्य सामग्री, पानी और दवाएं पहुंचाई जा रही हैं। प्रशासन स्थिति पर करीब से निगरानी रखे हुए है, क्योंकि अगले कुछ दिनों में अन्य क्षेत्रों के भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है।