क्या इमरान मसूद ने वंदे मातरम पर केंद्र को जवाब दिया है?
सारांश
Key Takeaways
- इमरान मसूद ने नेहरू के योगदान को महत्व दिया।
- सरकार पर चुनावी राजनीति में शामिल होने का आरोप।
- वंदे मातरम का जिक्र चुनावी मुद्दा बन रहा है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसदों ने सरकार पर तीखा हमला किया है। इमरान मसूद ने कहा कि आज का भारत जवाहरलाल नेहरू के ब्लूप्रिंट पर खड़ा है। यदि पंडित नेहरू नहीं होते, तो भाजपा का अस्तित्व भी नहीं होता।
इमरान मसूद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए कहा, "पंडित नेहरू एक उदार नेता थे, जिन्होंने सभी को एक साथ लाने का प्रयास किया। उनके विचारों का समावेश आज भी हमारे देश में विद्यमान है। उस समय भारत के पास कोई संसाधन नहीं थे। जनता को खाने के लिए अनाज और पहनने के लिए कपड़े बाहर से लाने पड़ते थे। पंडित नेहरू ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया।"
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान, इमरान मसूद ने सत्ता पक्ष के द्वारा नेहरू पर आरोप लगाने की बात पर कहा, "पंडित नेहरू सुबह शाम उनके (भाजपा) ख्वाब में आते हैं। अगर पंडित नेहरू का योगदान नहीं होता, तो ये लोग भी अस्तित्व में नहीं होते।"
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, "चूंकि अभी पश्चिम बंगाल का चुनाव निकट है, इसलिए उन्हें वंदे मातरम और बंकिम चंद्र चटर्जी की याद आ रही है। यह अफसोसजनक है कि सरकार केवल चुनावी मोड में काम करती है, लेकिन एक दिन इतिहास आपको भी याद करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "यह चर्चा केवल चुनाव के लिए है। हमने भी आनंद मठ को देखा है, जहां लोग जात-पात को छोड़कर अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए तैयार थे। उसी क्रांति में बंकिम चंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम लिखा, लेकिन क्या सरकार की इन बातों से दिल्ली का वायु प्रदूषण कम हो रहा है?"
उन्होंने अंत में कहा, "मैं सरकार से यह पूछना चाहती हूं कि किसके दबाव में दिल्ली का वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। गंगा का एक ही इको-सेंसिटिव जोन बचा है, आप किसके प्रेशर में छह हजार पेड़ काटने की बात कर रहे हैं?"