क्या इंदौर के स्कूल परिसर में 13 साल के बच्चे से यौन उत्पीड़न हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- मामले में त्वरित पुलिस कार्रवाई आवश्यक है।
- स्कूलों में सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाना चाहिए।
- मेडिकल जांच में गति लाने की जरूरत है।
- समुदाय को संवेदनशील बनाना चाहिए।
इंदौर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक स्कूल परिसर में 13 साल के बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में 16 और 17 साल के दो किशोरों को हिरासत में लिया है।
यह घटना गुरुवार को हुई, जब बच्चा स्कूल परिसर में खेल रहा था। आरोपियों ने बच्चे के साथ जबरन यौन कृत्य किए।
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी उस स्कूल के छात्र नहीं हैं। वे आसपास के इलाके के बच्चे हैं जो अक्सर इस मैदान में खेलने आते हैं। एक आरोपी मैकेनिक का काम करता है।
बच्चे के परिजनों ने अन्नपूर्णा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों किशोरों को हिरासत में लिया। उन्हें किशोर सुधार गृह भेजा गया है और मामला बाल यौन शोषण निवारण अधिनियम (पोक्सो) के तहत दर्ज किया गया है।
इस घटना ने स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चे की मेडिकल जांच में देरी हुई।
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि बच्चे को जिला अस्पताल में टेस्ट के लिए भेजा गया, लेकिन वहां आवश्यक सुविधाएं नहीं थीं। कई घंटे इंतजार और बार-बार चक्कर काटने के बाद, अंततः 17 घंटे की देरी से टेस्ट हुआ।
'एमवाई अस्पताल' के अधिकारियों ने मेडिकल जांच में देरी की बात स्वीकारी और कहा कि इसकी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था और मेडिकल प्रक्रिया में देरी के सवालों का जवाब देने से फिलहाल इनकार किया है।
स्थानीय लोगों और परिजनों में इस घटना को लेकर गुस्सा है। उन्होंने मांग की है कि स्कूल परिसर में बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगे और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।