क्या इंदौर के डेंटल कॉलेज की तीन छात्राएं रैगिंग के आरोप में सस्पेंड हुईं?

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क्या इंदौर के डेंटल कॉलेज की तीन छात्राएं रैगिंग के आरोप में सस्पेंड हुईं?

सारांश

इंदौर के शासकीय डेंटल कॉलेज में रैगिंग के आरोप में तीन छात्राओं को 15 दिन के लिए सस्पेंड किया गया है। इन पर जूनियर्स को समय पर आने के लिए कहने का आरोप है। क्या यह मामला रैगिंग पर जीरो टॉलरेंस नीति की पुष्टि करता है?

Key Takeaways

  • इंदौर के डेंटल कॉलेज में तीन छात्राओं को रैगिंग के आरोप में सस्पेंड किया गया।
  • एंटी रैगिंग कमेटी की कार्रवाई के तहत सस्पेंशन किया गया।
  • छात्राओं ने माफी मांगी और वादा किया कि वे भविष्य में ऐसा नहीं करेंगी।
  • यूजीसी को इस मामले से अवगत कराया गया है।
  • कॉलेज में रैगिंग के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति लागू है।

इंदौर, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर के शासकीय डेंटल कॉलेज में तीन छात्राओं के लिए रैगिंग करना महंगा साबित हुआ है। इन छात्राओं को पंद्रह दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने जूनियर्स को समय पर आने के लिए कहा था।

सूत्रों के अनुसार, शासकीय डेंटल कॉलेज में सीनियर छात्राएं जूनियर छात्राओं को समय पर आने की हिदायत दे रही थीं।

इसकी शिकायत यूजीसी को प्राप्त हुई थी। शिकायत में कहा गया था कि कॉलेज में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग की घटनाएं हुई हैं। इसके बाद मामला एंटी रैगिंग कमेटी के पास पहुंचा। कमेटी ने जब छात्राओं से बात की, तो पता चला कि कुछ सीनियर छात्राएं जूनियर्स को समय से आने और सीनियर्स के जाने के बाद ही जाने के लिए दबाव डाल रही थीं।

शासकीय डेंटल कॉलेज की प्राचार्य अल्का गुप्ता ने राष्ट्र प्रेस को जानकारी दी है कि एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उन तीनों छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने जूनियर्स को समय पर आने की हिदायत दी थी। रैगिंग के मामलों को जीरो टॉलरेंस पॉलिसी में रखा गया है।

उन्होंने कहा कि तीनों छात्राओं को पंद्रह दिनों के लिए सस्पेंड किया गया है। साथ ही, छात्राओं ने लिखित में माफी भी मांगी है और आश्वासन दिया है कि वे भविष्य में इस प्रकार के कार्य की पुनरावृत्ति नहीं करेंगी। इस स्थिति से यूजीसी को भी अवगत कराया गया है।

जानकारी में बताया गया है कि छात्राओं ने सामूहिक रूप से यूजीसी में शिकायत की थी। इसी शिकायत के आधार पर कॉलेज प्रबंधन के पास यूजीसी के निर्देश आए थे। उसी के आधार पर जांच की गई और यह पुष्टि हुई कि जूनियर्स छात्राओं पर सीनियर्स का दबाव था, जिसके बाद कार्रवाई की गई है।

Point of View

NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या रैगिंग एक गंभीर अपराध है?
हाँ, रैगिंग को गंभीर अपराध माना जाता है और इसे रोकने के लिए कई संस्थानों में सख्त पॉलिसी बनाई गई है।
क्या सस्पेंशन का मतलब हमेशा निष्कासन होता है?
नहीं, सस्पेंशन का मतलब हमेशा निष्कासन नहीं होता। यह एक अस्थायी कार्रवाई है जो घटना की जांच के दौरान की जाती है।
यूजीसी की भूमिका इस मामले में क्या है?
यूजीसी रैगिंग के मामलों में दिशा-निर्देश प्रदान करता है और इसकी शिकायतों पर कार्रवाई करता है।
रैगिंग के खिलाफ क्या उपाय किए जा रहे हैं?
कई कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया गया है और रैगिंग के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाती है।
क्या छात्राएं लिखित माफी मांग सकती हैं?
हाँ, छात्राएं अपनी गलतियों के लिए लिखित माफी मांग सकती हैं, जो उनके भविष्य के लिए सकारात्मक हो सकता है।
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