क्या इंदौर में सड़क के नाम में बदलाव को लेकर विवाद है? मेयर ने पार्षद के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया

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क्या इंदौर में सड़क के नाम में बदलाव को लेकर विवाद है? मेयर ने पार्षद के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया

सारांश

क्या इंदौर में सड़क के नाम बदलने को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया है? जानिए किस प्रकार मेयर ने पार्षद के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

Key Takeaways

  • इंदौर में सड़क नाम बदलने का विवाद बढ़ा।
  • पार्षद ने बिना अनुमति के नाम बदले।
  • मेयर ने कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया।
  • पुराने नाम दशकों से प्रचलित थे।
  • नगर निगम ने बोर्ड हटाए।

इंदौर, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के इंदौर में सड़क के नाम बदलने का एक विवादास्पद मामला सामने आया है। आरोप है कि स्थानीय कांग्रेस पार्षद फातिमा रफीक खान ने नगर निगम की अनुमति के बिना ही क्षेत्र की कुछ सड़कों के नाम बदलकर नए साइन बोर्ड लगा दिए।

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्षद फातिमा रफीक खान ने इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र में सड़कों के नाम बदल दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने नगर निगम की अनुमति के बिना ही साइन बोर्ड भी लगा दिए। इस मामले के सामने आने के बाद मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने सख्त रुख अपनाते हुए पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, "सड़कों, चौराहों का नामकरण और मूर्ति लगाने का अधिकार केवल आईएमसी को है। वार्ड नंबर 2 से पार्षद फातिमा रफीक खान ने नगर निगम की अनुमति के बिना ही अपने वार्ड की गलियों और सड़कों का नामकरण कर दिया। उन्होंने नगर निगम के लोगों के साथ मिलकर साइन बोर्ड भी लगवा दिए। हमें इसकी जानकारी पहले भी मिली थी और उसके बाद कुछ बोर्ड हटवा दिए गए थे। फिर से ये जानकारी मिली है कि कुछ नए बोर्ड लगाए गए हैं। मैंने तत्काल उन बोर्डों को हटाने का निर्देश दिया।"

उन्होंने कहा, "मैंने पार्षद के खिलाफ बिना अनुमति और प्रावधान के बोर्ड लगवाने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया है। मैंने यह भी कहा है कि इस तरह से बोर्ड लगाने के खिलाफ एफआईआर भी कराई जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर शहर में इस तरह के काम किए गए हैं, उन पर भी कार्रवाई हो।"

वार्ड नंबर 9 के पार्षद प्रतिनिधि का कहना है कि चंदन नगर स्थित जिन सड़कों के नाम को बदला गया है, वह दशकों से प्रचलित थे। मुझे लगता है कि इन नामों को बदलने का फैसला नगर निगम की सहमति से हुआ है और इस पर किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।

बता दें कि चंदन नगर की कुछ सड़कों, जैसे चंदू वाला रोड, लोहा गेट रोड, मिश्रा रोड और आम वाला रोड के नाम बदलकर सकीना मंजिल रोड, रजा गेट और हुसैनी रोड कर दिया गया था।

इन नए नामों के साइन बोर्ड भी लगाए गए, जिनमें कुछ बोर्डों पर पुराने और नए दोनों नाम लिखे थे। सकीना मंजिल रोड के साथ चंदन नगर सेक्टर-बी वार्ड नंबर 2 और रजा गेट के साथ लोहा गेट रोड लिखा हुआ था।

हालांकि, मेयर के आदेश के बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने बिना अनुमति के लगे इन बोर्डों को हटा दिया है।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या पार्षद को सड़क के नाम बदलने का अधिकार है?
नहीं, सड़क और चौराहों के नामकरण का अधिकार केवल नगर निगम को है।
मेयर ने किस प्रकार की कार्रवाई का निर्देश दिया है?
मेयर ने पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और एफआईआर कराने का निर्देश दिया है।
क्या नए नामों पर विवाद हुआ है?
हाँ, पुराने नाम दशकों से प्रचलित थे और नए नामों को लेकर आपत्ति उठाई गई है।
यह विवाद कब शुरू हुआ?
यह विवाद 23 अगस्त को सामने आया जब नए साइन बोर्ड लगाए गए थे।
क्या नगर निगम ने बोर्ड हटाए?
हाँ, मेयर के आदेश पर नगर निगम ने बिना अनुमति के लगे बोर्डों को हटा दिया है।