क्या इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई तीन मौतें, सीएम मोहन यादव का दुःख?
सारांश
Key Takeaways
- दूषित जल के कारण तीन लोगों की मौत हुई।
- मुख्यमंत्री ने 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
- प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठे।
- बढ़ते हुए अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या।
- डॉक्टरों की 22 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया।
इंदौर, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित जल पीने से कई लोग बीमार हो गए हैं, जिसमें अब तीन लोगों की मौत हो चुकी है और अनेक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि भागीरथपुरा में हुई यह घटना अत्यंत दुखद है। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी बीमार लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
उन्होंने घोषणा की कि हर मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। राज्य सरकार सभी प्रभावित लोगों के चिकित्सा खर्च का वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
दूषित जल के कारण भागीरथपुरा में भड़काऊ स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें तीन मौतों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है।
सरकारी और निजी अस्पतालों में 66 से अधिक लोगों को भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों की 22 मेडिकल टीमों को उन गांवों में तैनात किया गया है, जहां पानी की सप्लाई दूषित होने की संभावना है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जवाबदेही की मांग की।
पटवारी ने अस्पताल के दौरे के दौरान कहा, "तीन लोगों की मौत हो गई है, इसके लिए इंदौर नगर आयुक्त और मेयर को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।"
प्रारंभिक जांच में इस संकट का कारण पास में चल रहे खुदाई के काम के दौरान पाइपलाइन में लीकेज या ओवरहेड टैंक में गंदगी को बताया गया है।
निवासियों ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बार-बार अधिकारियों को गंदे और बदबूदार पानी की सूचना दी थी, लेकिन उन्हें कोई उचित उत्तर नहीं मिला।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं। अब तक लगभग 60 लोगों को भर्ती किया गया है।