क्या आईपीएस अधिकारी के सुसाइड मामले की निष्पक्ष जांच होगी? कुमारी सैलजा

सारांश
Key Takeaways
- आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या ने सामाजिक न्याय पर सवाल उठाया है।
- कुमारी सैलजा ने दलित समुदाय के साथ हो रहे अन्याय की ओर ध्यान आकर्षित किया।
- मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार से मिलने उनके आवास पर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दलित समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर राज्य सरकार और प्रशासनिक व्यवस्था से गंभीर सवाल उठाए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि सामाजिक न्याय और संविधानिक मर्यादाओं पर गहरी चोट है।
उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि सरकार कैसे काम कर रही है। जब न्याय की बात आती है तो सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। जब पूरन कुमार का परिवार शव गृह पहुंचा, तो उन्हें बताया गया कि उनका शव कहीं और ले जाया गया है। सारे सबूत सामने हैं और पूरा देश देख रहा है कि क्या हो रहा है। यह पूरे दलित समुदाय और समाज के लिए परीक्षा की घड़ी है।”
कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जो आईआईएम अहमदाबाद के छात्र रह चुके थे और एडीजीपी के पद पर आसीन थे, उन्हें ऐसी स्थिति में धकेला गया, जो शासन और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाता है। पूरन कुमार का निधन केवल एक परिवार की क्षति नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए एक बड़ा धक्का है।
उन्होंने कहा, “एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की पत्नी और इतने बड़े पद पर आसीन व्यक्ति को अगर न्याय नहीं मिला तो सामान्य दलित और गरीब के लिए न्याय की उम्मीद कहां बचेगी? पूरन कुमार के शव को परिवार की अनुमति के बिना पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिजनों को अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए गए। यह अमानवीय कृत्य और संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।”
कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में न्याय भी वर्ग के आधार पर बांटा जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या किसी को केवल इसलिए न्याय से वंचित किया जा सकता है क्योंकि वह कमजोर वर्ग से आता है, भले ही वह अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर ऊंचे पद तक पहुंचा हो?”
कुमारी सैलजा ने कहा कि सीजेआई तक को निशाना बनाया गया और एक दलित आईपीएस अधिकारी को इतनी प्रताड़ना झेलनी पड़ी कि उन्हें आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। कांग्रेस और समाज का बड़ा वर्ग पीड़ित परिवार की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है। मैं राज्य सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती हूं।