क्या ईरान ने इजरायल से युद्ध के बाद अपनी ताकत बढ़ाई है?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान ने नई बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित की हैं।
- इजरायल के हमले के बाद तनाव बढ़ा है।
- आईआरजीसी की मिसाइल शक्ति में वृद्धि हो रही है।
- युद्धविराम के बावजूद स्थिति गंभीर है।
- क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर डालने की संभावना है।
तेहरान, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल द्वारा किए गए हमले के बाद, ईरान की राजधानी तेहरान में इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने अपनी दो स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइलों का और इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले संघर्ष के दौरान क्षतिग्रस्त लॉन्चरों का खुलासा किया है। यह जानकारी सरकारी आईआरआईबी टीवी की एक रिपोर्ट में उपलब्ध कराई गई है।
आईआरजीसी के एयरोस्पेस बलों से संबंधित ये मिसाइलें और लॉन्चर, आईआरआईबी द्वारा प्रसारित एक वीडियो में प्रदर्शित किए गए हैं, जिसमें आईआरजीसी के दो मिसाइल ठिकानों को दिखाया गया है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने जो बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित की हैं, उनके नाम इमाद और कद्र हैं। कद्र को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध रोधी उपकरणों से लैस किया गया है।
रिपोर्ट में आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स के एक वरिष्ठ कमांडर के हवाले से कहा गया है कि फोर्स की मिसाइल ताकत हर घंटे मजबूत हो रही है और उन्हें नई उन्नत मिसाइलें प्रदान की गई हैं, जो आदेश मिलते ही दागने के लिए तैयार हैं। इस बयान के बाद, इजरायल और ईरान के बीच तनाव फिर से बढ़ने की संभावना है।
13 जून को, इजरायल ने तेहरान सहित ईरान के कई क्षेत्रों (जिनमें परमाणु और सैन्य स्थल शामिल हैं) पर अचानक बड़े हवाई हमले किए, जिसमें कई वरिष्ठ कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक मारे गए।
आईआरजीसी ने पुष्टि की थी कि तेहरान में हुए हवाई हमले में उनके खुफिया संगठन के प्रमुख मोहम्मद काजमी और उनके डिप्टी हसन मोहाघेग मारे गए थे।
इन हवाई हमलों में ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, आईआरजीसी के चीफ कमांडर हुसैन सलामी, ईरान के खतम अल-अनबिया केंद्रीय मुख्यालय के कमांडर गुलाम अली राशिद और आईआरजीसी के एयरोस्पेस डिवीजन के कमांडर अमीर अली हाजीजादेह की जान चली गई।
इसके अलावा, आईआरजीसी ने अन्य मारे गए कमांडरों की सूची में महमूद बाघेरी, दावूद शेखियन, मोहम्मद-बाघेर ताहिरपुर, मंसूर सफ़रपुर, मसूद तैयब, खोसरो हसनी, जावद जोरसारा और मोहम्मद अघाजाफरी को भी शामिल किया है। हमले के जवाब में ईरान ने कई मिसाइलें दागी थीं और ड्रोन से भी हमलों को अंजाम दिया गया था। 24 जून को दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम हुआ।