क्या ईरान ने आठ बहाई महिलाओं को जेल भेजकर अपनी धार्मिक मान्यताओं को दंडित किया?

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क्या ईरान ने आठ बहाई महिलाओं को जेल भेजकर अपनी धार्मिक मान्यताओं को दंडित किया?

सारांश

ईरान में आठ बहाई महिलाओं को उनके धर्म के प्रचार के आरोप में जेल भेज दिया गया है। यह मामला सुरक्षा से जुड़ा और गोपनीय बताया गया है। क्या यह कार्रवाई बहाई समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न का एक और उदाहरण है?

Key Takeaways

  • ईरान में आठ बहाई महिलाओं को जेल भेजा गया है।
  • उन्हें अपने धर्म का प्रचार करने का आरोप लगा है।
  • ईरान बहाई धर्म को मान्यता नहीं देता।
  • यह मामला सुरक्षा से जुड़ा और गोपनीय है।
  • बहाई समुदाय को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान ने आठ बहाई धर्म की अनुयायी महिलाओं को जेल में डाल दिया है। इन पर अपने धर्म का प्रचार करने का आरोप लगाया गया है।

सऊदी अरब के न्यूज आउटलेट ईरान इंटरनेशनल ने इस घटना की जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इन महिलाओं को शनिवार सुबह इस्फहान ऑफिस फॉर द एनफोर्समेंट ऑफ सेंटेंस में रिपोर्ट करने के बाद गिरफ्तार किया गया और उन्हें एक स्थानीय जेल में भेज दिया गया।

इन बहाई महिलाओं पर “इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ प्रोपेगैंडा,” “बहाई मान्यताओं को बढ़ावा देने,” और “दुश्मन ग्रुप्स के साथ सहयोग करने” का आरोप लगाया गया है।

सूत्रों के अनुसार, ईरान इंटरनेशनल ने उनके मामले को “सुरक्षा से जुड़ा और गोपनीय” बताया है।

न्यूज साइट ने सभी महिलाओं की तस्वीरों के साथ उनके नाम भी उजागर किए हैं। उनकी पहचान येगानेह रूहबख्श, अरेज़ू सोभानियान, शाना शौकीफार, नेदा इमादी, नेदा बदख्श, मोजगन शाहरेजाई, परस्तू हकीम और नेगिन खादेमी के रूप में हुई है।

गिरफ्तार की गई महिलाओं में, अरेज़ू सोभानियान और येगानेह रूहबख्श, मां-बेटी हैं।

इससे पहले, इस्फहान कोर्ट ऑफ अपील्स ने शनिवार को गिरफ्तार की गई इन आठ बहाई महिलाओं समेत कुल दस बहाई महिलाओं के खिलाफ 90 साल जेल और 900 मिलियन तोमन के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा था।

यह अपील की कार्रवाई उनकी गैरमौजूदगी में हुई, जिसमें बचाव पक्ष मौजूद नहीं था। ईरान बहाई धर्म को ईसाई, यहूदी या पारसी धर्म की तरह मान्यता नहीं देता। 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से बहाई समुदाय को लगातार उत्पीड़न और जुल्म का सामना करना पड़ा है।

हाल की गिरफ्तारियां ईरान में बहाई लोगों पर नए सिरे से कार्रवाई और सरकारी मीडिया पर बहाई विरोधी बयानबाजी का हिस्सा हैं।

अक्टूबर में, ईरानी सरकारी टेलीविजन पर एक कट्टर कमेंटेटर, अली शिराजी ने कहा था कि बहाई अल्पसंख्यकों का “यहूदियों के साथ एक अटूट रिश्ता है” और दावा किया कि “बहाई और इजरायल एक ही हैं।”

यह टिप्पणी बहाई इंटरनेशनल कम्युनिटी (बीआईसी) की उन रिपोर्ट्स के बाद आई है जिनमें कहा गया था कि छह राज्यों में मिलकर चलाए गए ऑपरेशन में धर्म के कम से कम 22 लोगों के घरों और बिजनेस पर रेड मारी गई।

ईरानी अधिकारी लंबे समय से बहाई समुदाय पर इजरायल से लिंक होने का आरोप लगाते रहे हैं, कुछ हद तक इसलिए क्योंकि धर्म का धार्मिक केंद्र हाइफा में है, जहां इसके संस्थापक की मजार है। राइट्स ग्रुप्स का कहना है कि ऐसे दावों का इस्तेमाल गिरफ्तारी, जब्ती और लंबी जेल की सजा को सही ठहराने के लिए किया गया है।

अमेरिका-बेस्ड ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी (एचआरएएनए) के मुताबिक, पिछले तीन सालों में ईरान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज उल्लंघनों में से लगभग तीन-चौथाई शिकार बहाई रहे हैं।

Point of View

जो लंबे समय से उत्पीड़न का सामना कर रहा है। हमें इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना चाहिए।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

ईरान में बहाई महिलाओं को जेल क्यों भेजा गया?
उन्हें अपने धर्म का प्रचार करने के आरोप में जेल भेजा गया है।
क्या ईरान में बहाई धर्म को मान्यता है?
ईरान बहाई धर्म को धार्मिक रूप से मान्यता नहीं देता।
क्या यह गिरफ्तारी धार्मिक उत्पीड़न का हिस्सा है?
हां, यह गिरफ्तारी बहाई समुदाय के खिलाफ लंबे समय से चल रहे उत्पीड़न का हिस्सा है।
ईरान में बहाई समुदाय पर क्या आरोप लगाए जाते हैं?
उन्हें अक्सर इजरायल से लिंक होने का आरोप लगाया जाता है।
क्या इस मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया आई है?
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
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