क्या ईरानी विदेश मंत्री मिस्र में आईएईए प्रमुख से करेंगे मुलाकात?

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क्या ईरानी विदेश मंत्री मिस्र में आईएईए प्रमुख से करेंगे मुलाकात?

सारांश

काहिरा में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची की बैठक आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रॉसी से होने वाली है। इस बैठक का महत्व ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय राजनीति के संदर्भ में अत्यधिक है। जानिए इस बैठक के पीछे की वजहें और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।

Key Takeaways

  • मिस्र में ईरानी विदेश मंत्री और आईएईए प्रमुख की बैठक हो रही है।
  • बैठक का उद्देश्य ईरान और आईएईए के बीच सहयोग को बढ़ाना है।
  • ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते का पालन करने का दबाव बढ़ रहा है।
  • स्नैपबैक मैकेनिज्म के तहत ईरान पर नए प्रतिबंध लागू हो सकते हैं।
  • इस बैठक का क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव हो सकता है।

काहिरा, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने यह पुष्टि की है कि काहिरा में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। दो महीने पहले, तेहरान ने इस एजेंसी से दूरी बना ली थी।

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह बैठक मंगलवार को होगी, जिसकी पहले ही घोषणा की जा चुकी है, और इसमें मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती भी शामिल होंगे।

ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी (आईआरएनए) ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया, "काहिरा की यात्रा के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक के साथ एक बैठक होगी जिसमें ईरान और एजेंसी के बीच बातचीत के लिए एक नए प्रोटोकॉल पर चर्चा की जाएगी।"

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माएल बाकेई ने कहा कि विदेश मंत्री अब्बास अराघची इस सप्ताह ट्यूनीशिया और मिस्र की यात्रा करेंगे।

बाकेई ने बताया कि ये यात्राएं ईरान की उस कोशिश का हिस्सा हैं जिसके तहत वो क्षेत्रीय और इस्लामी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। काहिरा में अपने प्रवास के दौरान, अराघची अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी से मुलाकात करेंगे ताकि ईरान और एजेंसी के बीच सहयोग के नए ढांचे पर चर्चा को अंतिम रूप दिया जा सके।

बाकेई ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री अब्बास अराघची की यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि काजा कल्लास के साथ हुई बैठक का जिक्र किया और इसे बहुत उपयोगी बताया।

उन्होंने कहा, "हम देशहित में अपनी मांगों को व्यक्त करने और तीन यूरोपीय देशों की ओर से 'स्नैपबैक मैकेनिज्म' के दुरुपयोग से एजेंसी को अवगत कराना अपना दायित्व समझते हैं।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि यूरोपीय देश टकराव के रुख के परिणामों को ठीक से समझकर अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएगा।

स्नैपबैक मैकेनिज्म एक प्रक्रिया है जो ईरान के परमाणु समझौते में शामिल किसी भी देश को ईरान पर पहले से हटाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की इजाजत देती है। इसके मुताबिक अगर ईरान समझौते की अहम शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उस पर पाबंदी लगाई जा सकती है।

जून में इजरायल के साथ 12 दिनों की जंग के बाद, ईरान ने सभी प्रकार के संबंध तोड़ लिए थे, और आईएईए प्रमुख के बीच यह पहली बैठक होगी। इस युद्ध के दौरान इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।

ईरान पर वर्तमान में 2015 के परमाणु समझौते का पालन करने और निरीक्षण फिर से शुरू करने का दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के लिए कदम उठाए हैं।

सोमवार को, ग्रॉसी ने कहा कि ईरान और आईएईए के बीच वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन अभी तक समझौता नहीं हो पाया है और समय कम होता जा रहा है।

Point of View

मेरा मानना है कि काहिरा में होने वाली इस बैठक का क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर पड़ेगा। ईरान की विदेश नीति का यह कदम अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। हमें उम्मीद है कि यह बैठक सकारात्मक परिणाम देगी।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

ईरानी विदेश मंत्री की यह बैठक कब होगी?
यह बैठक मंगलवार को काहिरा में होगी।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य ईरान और आईएईए के बीच सहयोग के नए ढांचे पर चर्चा करना है।
कौन-कौन इस बैठक में शामिल होंगे?
इस बैठक में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी शामिल होंगे।
क्या इस बैठक से क्षेत्रीय स्थिरता पर कोई असर पड़ेगा?
इस बैठक का क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर पड़ सकता है।
स्नैपबैक मैकेनिज्म क्या है?
यह एक प्रक्रिया है जो ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की अनुमति देती है।