क्या आईएसए 8वीं सभा में फ्रांस के फराको ने भारत के साथ सह-अध्यक्षता की, वैश्विक प्रतिबद्धता मजबूत?

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क्या आईएसए 8वीं सभा में फ्रांस के फराको ने भारत के साथ सह-अध्यक्षता की, वैश्विक प्रतिबद्धता मजबूत?

सारांश

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को गति देने के लिए आईएसए की 8वीं सभा नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। यह सभा सौर ऊर्जा, वित्तपोषण और नवाचार पर जोर दे रही है, जिसमें भारत और फ्रांस का महत्वपूर्ण सहयोग शामिल है।

Key Takeaways

  • आईएसए की 8वीं सभा का आयोजन नई दिल्ली में हुआ।
  • सौर ऊर्जा के परिनियोजन को तेज करने पर जोर दिया गया।
  • भारत और फ्रांस का सहयोग जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • अफ्रीका सौर सुविधा के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की गई।
  • किफायती सौर समाधानों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों को गति देने वाली अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 8वीं सभा नई दिल्ली के भारत मंडपम में धूमधाम से आयोजित हो रही है। फ्रांस के जलवायु वार्ता विशेष दूत बेनोइट फराको ने मंगलवार को भारत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ सभा की सह-अध्यक्षता की।

यह चार दिवसीय आयोजन (27-30 अक्टूबर) 124 देशों के प्रतिनिधियों और 40 से अधिक मंत्रियों को एक मंच पर लाया है, जिसका थीम 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' है। सभा में सौर ऊर्जा के परिनियोजन को तेज करने, उत्प्रेरक वित्तपोषण, नवाचार और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बेनोइट फराको ने प्रह्लाद जोशी से मुलाकात में सीओपी30 से पहले सौर ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य के लिए भारत-फ्रांस के साझा संकल्प की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "आईएसए का कार्य सीधे सीओपी के निर्णयों के कार्यान्वयन में योगदान देता है। दस साल पहले पेरिस समझौते में हमने वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा था। उसी समय आईएसए की शुरुआत हुई, क्योंकि भारत, फ्रांस और साझेदारों को ऐसे उपकरणों की जरूरत महसूस हुई। हम ब्राजील में होने वाले सीओपी30 में आईएसए की सफलता का प्रदर्शन देखने के लिए उत्सुक हैं।"

फ्रांस की फ्रैंकोफोनी, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी एवं विदेश में फ्रांसीसी नागरिकों की राज्य मंत्री एलेनोर कैरोइट ने वीडियो संदेश में कहा, "फ्रांस आईएसए को अत्यधिक महत्व देता है। दस साल पहले भारत के साथ सह-अध्यक्षता का सम्मान मिला, जो हमारी दीर्घकालिक साझेदारी को दर्शाता है। यह सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने की प्रतिबद्धता है।"

इस अवसर पर फ्रांस ने आईएसए की प्रमुख पहल 'अफ्रीका सौर सुविधा' को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की, जो अफ्रीकी देशों में सस्ती सौर ऊर्जा पहुंचाने पर केंद्रित है।

सभा में किफायती और समावेशी सौर समाधानों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। आईएसए महानिदेशक आशीष खन्ना के साथ फराको ने उत्प्रेरक वित्तपोषण जुटाने और तकनीकी क्षमता निर्माण पर चर्चा की।

फ्रांस सीओपी30 में स्वच्छ ऊर्जा पर सामूहिक महत्वाकांक्षा मजबूत करने का लक्ष्य रखता है। फराको ने काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के सीईओ एवं सीओपी30 के दक्षिण एशिया विशेष दूत डॉ. अरुणाभ घोष से जलवायु अनुकूलन, शमन और पेरिस समझौते कार्यान्वयन पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर बात की।

Point of View

यह सभा विश्व स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर गंभीरता को दर्शाती है। भारत और फ्रांस का सहयोग एक मजबूत संकेत है कि हम सभी को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा। इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों से न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक स्थिरता में भी सुधार होगा।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

आईएसए की 8वीं सभा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आईएसए की 8वीं सभा का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
इस सभा में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
इस सभा में 124 देशों के प्रतिनिधि और 40 से अधिक मंत्री शामिल हैं।
फ्रांस का इस सभा में क्या योगदान है?
फ्रांस ने इस सभा में सह-अध्यक्षता की और 'अफ्रीका सौर सुविधा' को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।