क्या ईशांत शर्मा, एसी मैकेनिक का बेटा, अपनी कद-काठी और रफ्तार से दिग्गजों को मात दे सकते हैं?

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क्या ईशांत शर्मा, एसी मैकेनिक का बेटा, अपनी कद-काठी और रफ्तार से दिग्गजों को मात दे सकते हैं?

सारांश

ईशांत शर्मा, एक एसी मैकेनिक के बेटे, ने अपनी कद-काठी और तेज गेंदबाजी से क्रिकेट की दुनिया में छाप छोड़ी है। 300 से अधिक टेस्ट विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी!

Key Takeaways

  • ईशांत शर्मा ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया।
  • उनकी कद-काठी और गेंदबाजी ने उन्हें खास बनाया।
  • साधारण पृष्ठभूमि से उठकर उन्होंने सफलता प्राप्त की।
  • 300 से अधिक टेस्ट विकेट लेकर वे एक मिसाल बने।
  • 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया जाना उनकी उपलब्धि है।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी लंबी कद-काठी और स्विंग गेंदबाजी से कई बार भारत को जीत दिलाई है। विदेशी पिचों पर शानदार प्रदर्शन करने वाले ईशांत, 300 से अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले केवल तीसरे भारतीय तेज गेंदबाज हैं।

2 सितंबर 1988 को दिल्ली में जन्मे ईशांत शर्मा के पिता विजय शर्मा एयर कंडीशनर ठीक करने का काम करते थे। पिता सिर पर एसी रखकर उसे 4-5 मंजिल तक पहुंचाते थे। यह काम गर्मियों में ही होता था और इन चार-पांच महीनों की कमाई पर ही पूरे परिवार का खर्च चलता था।

आर्थिक कठिनाइयों के बीच पले-बढ़े ईशांत ने 14 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। ईशांत और विराट कोहली ने साथ में जूनियर क्रिकेट खेला था। इस दौरान उन्हें प्रतिदिन 150 रुपये भत्ते के रूप में मिलते थे, जिससे परिवार पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कुछ हद तक कम हुआ।

ईशांत की लंबी कद-काठी के कारण उन्हें भारतीय पिचों पर अप्रत्याशित उछाल मिलता था। उन्होंने 18 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और 19 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मौका मिला।

करियर की शुरुआत में दुबले-पतले ईशांत ने अपनी रफ्तार, उछाल और जुनून से भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजी के एक नए युग की शुरुआत की। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और उनकी आय भी बढ़ने लगी। एक बार उन्होंने मॉल से 42 हजार के स्पीकर्स खरीदे, जिससे उनके पिता को यह समझ में आया कि बेटे ने इतनी बड़ी रकम खर्च की है।

ऑस्ट्रेलियाई टीम 2008 में भारत के दौरे पर आई थी, जहां ईशांत ने सभी मुकाबले खेले और सीरीज में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने 27.07 की औसत के साथ 15 विकेट चटकाए।

जनवरी 2008 में पर्थ में खेले गए भारत-ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले को शायद ही कोई भूल सकता है, जिसमें ईशांत ने शानदार गेंदबाजी की और रिकी पोंटिंग को आउट किया।

ईशांत शर्मा भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाजों की अगुवाई करते रहे हैं। उन्हें वर्क-हॉर्स भी कहा जाता है। हालांकि, करियर में उतार-चढ़ाव भी आए हैं। 2012 में उन्होंने केवल सात विकेट लिए, लेकिन 2014 में शानदार वापसी करते हुए 38 विकेट चटकाए।

फरवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 9 विकेट और जुलाई 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ 7 विकेट चटकाए। हालांकि, घुटने की चोट के कारण ईशांत 2015 के एकदिवसीय विश्व कप से चूक गए।

ईशांत ने 2018 में 11 टेस्ट खेले, जिसमें 21.80 की औसत के साथ 41 विकेट लिए। 2021 के बाद उन्हें टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला।

ईशांत के टेस्ट करियर में 105 मुकाबलों में 188 पारियों में 32.40 की औसत के साथ 311 विकेट हैं। उन्होंने 80 वनडे खेले, जिसमें 30.98 की औसत से 115 विकेट लिए।

ईशांत शर्मा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 154 मुकाबलों में 486 विकेट और 135 लिस्ट-ए में 192 विकेट लिए। क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते उन्हें 2020 में 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

ईशांत, कपिल देव के बाद भारत के दूसरे दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट लिए हैं।

Point of View

उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर उच्चतम स्तर पर सफलता प्राप्त की है। उनके अनुभव से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी ऊंचाई को छूआ जा सकता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

ईशांत शर्मा का जन्म कब हुआ था?
ईशांत शर्मा का जन्म 2 सितंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था।
ईशांत शर्मा ने कितने टेस्ट मैच खेले हैं?
ईशांत शर्मा ने 105 टेस्ट मैच खेले हैं।
ईशांत शर्मा को कब 'अर्जुन पुरस्कार' मिला?
ईशांत शर्मा को 2020 में 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
ईशांत शर्मा ने कितने विकेट लिए हैं?
ईशांत शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में 311 विकेट लिए हैं।
ईशांत शर्मा का परिवार किस पेशे से जुड़ा था?
ईशांत शर्मा के पिता एयर कंडीशनर मैकेनिक थे।