क्या बाहुबली रॉकेट से नौसेना का सैटेलाइट लॉन्च करना भारत के लिए एक नई उपलब्धि है?
सारांश
Key Takeaways
- सीएमएस-03 उपग्रह ने भारतीय नौसेना की संचार क्षमताओं को बढ़ाया।
- इसरो ने एक और सफल प्रक्षेपण किया।
- यह भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति को दर्शाता है।
नई दिल्ली, २ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है। सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत यह क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का प्रतीक बन गया है, जो सराहनीय है। उनकी उपलब्धियों ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है।
इससे पहले इसरो के एवीए3-एम-5 द्वारा सीएमएस-03 संचार उपग्रह के प्रक्षेपण पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि इस जीएसएलवी लांचर की क्षमता लगभग ४००० किलोग्राम जीटीओ तक ले जाने की है और पहली बार हमने ४४१० किलोग्राम भार को दीर्घवृत्तीय कक्षा में पहुंचाया है। इसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और यह एलबीएम-3 यान का आठवां प्रक्षेपण है। एलबीएम-3 यान के सभी प्रक्षेपण इसरो द्वारा सफलतापूर्वक किए गए हैं और यह १०० प्रतिशत विश्वसनीय यान है। यही यान हमारे गगनयात्री-2 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए भी निर्धारित है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को भारतीय नौसेना के जीएसएटी-7आर (सीएमएस-03) संचार उपग्रह का पृथक्करण और प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जिससे नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को बल मिलेगा।
यह उपग्रह, जो भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है और एलवीएम3-ए5 रॉकेट पर प्रक्षिप्त किया गया, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित समय शाम ५.२६ बजे प्रक्षिप्त किया गया।
इसरो ने अपने मिशन के बारे में एक अपडेट में कहा कि सीएमएस-03 सफलतापूर्वक पृथक हुआ। उत्तम प्रक्षेपण।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो की इस नवीनतम उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि इसरो टीम को बधाई। भारत का बाहुबली एलवीएम3एम5 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ आसमान छू रहा है। 'बाहुबली,' जैसा कि इसे लोकप्रिय रूप से कहा जाता है, एलवीएम3-एम5 रॉकेट सीएमएस-03 संचार उपग्रह को ले जा रहा है, जो भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षिप्त किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। इसरो एक के बाद एक सफलता की इबारत लिख रहा है। सरकार के अटूट समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद।