क्या जैकी श्रॉफ ने यश चोपड़ा की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- यश चोपड़ा ने 1959 में निर्देशन की शुरुआत की।
- उन्होंने यशराज फिल्म्स की स्थापना की।
- उनकी फिल्में भावनाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत करती हैं।
- जैकी श्रॉफ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- यश चोपड़ा को 'एक्टर का डायरेक्टर' कहा जाता था।
मुंबई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के महान फिल्म निर्माता यश चोपड़ा की पुण्यतिथि के अवसर पर अभिनेता जैकी श्रॉफ ने उन्हें एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
जैकी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर यश चोपड़ा की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "यश चोपड़ा जी, आप हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।"
यह श्रद्धांजलि उस अद्वितीय शख्सियत को समर्पित है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में रोमांस, ड्रामा और मसाला फिल्में देने का नया आयाम पेश किया।
यश चोपड़ा ने 1959 में फिल्म 'धूल का फूल' से बतौर निर्देशक अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद 'धर्मपुत्र' (1961), 'वक्त', 'मशाल', 'त्रिशूल', और 'दाग' जैसी फिल्मों ने उन्हें सफलता दिलाई और उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक नई दिशा दी।
1973 में, उन्होंने यशराज फिल्म्स की स्थापना की, जो आज भी भारतीय सिनेमा का एक प्रमुख प्रोडक्शन हाउस है। उनकी फिल्में भावनाओं, रिश्तों और जिंदगी के रंगों को बड़े पर्दे पर खूबसूरती से प्रस्तुत करती थीं।
जैकी श्रॉफ और यश चोपड़ा ने 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'आईना' में एक साथ काम किया था। इस फिल्म में जैकी के साथ अमृता सिंह और जूही चावला मुख्य भूमिका में थे।
यश चोपड़ा को 'एक्टर का डायरेक्टर' कहा जाता था। वे किरदारों को न केवल गढ़ते थे, बल्कि उन्हें जीवंत करने की कला में भी माहिर थे। उनकी 1981 की फिल्म 'सिलसिला' ने अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन के अभिनय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह फिल्म न केवल सिनेमा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि अमिताभ और रेखा की व्यक्तिगत जीवन की चर्चाओं के कारण भी।
पांच दशकों तक सिनेमा जगत पर राज करने वाले यश चोपड़ा ने 'चांदनी', 'लम्हे', 'डर', 'दिल तो पागल है', और 'वीर-जारा' जैसी फ़िल्मों से नए कीर्तिमान स्थापित किए। उनकी आखिरी फिल्म 'जब तक है जान' (2012) ने भी दर्शकों का दिल जीता था। यश चोपड़ा की कहानियाँ आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में बसी हुई हैं।