क्या कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी?

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क्या कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी?

सारांश

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। भक्तों ने ब्रह्म मुहूर्त से मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें लगाईं। इस दिन भगवान जगन्नाथ के अद्भुत शृंगार और दीपदान के महत्व पर जोर दिया गया। जानिए इस धार्मिक अवसर के बारे में और क्या खास रहा।

Key Takeaways

  • कार्तिक पंचुका का धार्मिक महत्व और भगवान विष्णु की पूजा
  • भक्तों की बढ़ती संख्या और उत्साह
  • दीपदान का पुण्य और उसका महत्व
  • मां तुलसी की पूजा का महत्व
  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के लाभ

पुरी, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन विशाल संख्या में भक्त दर्शन के लिए उपस्थित हुए। ब्रह्म मुहूर्त से ही भक्तों का आगमन शुरू हो गया और मंदिर में लंबी कतारें देखने को मिलीं।

इस दिन भक्त उत्साह के साथ मंदिर पहुंचे और भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाते हुए दिखाई दिए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने एक विशेष प्रकार की आवाज भी निकाली, जो बंगाली शादियों में आमतौर पर सुनने को मिलती है। भगवान जगन्नाथ ने इस मौके पर अद्भुत शृंगार किया, जिसे देख भक्त भाव-विभोर हो गए।

सनातन हिंदू धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान विष्णु को समर्पित है। देवउठनी एकादशी से लेकर अमावस्या तक, पांच दिनों तक पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है।

कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और भक्तों के लिए वैकुंठ का मार्ग खुलता है। इस दौरान दान का भी विशेष महत्व होता है। स्नान के साथ दान-पुण्य और धार्मिक नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

मंगलवार को कार्तिक पंचुका का तीसरा दिन है, और अगले दो दिन भी मंदिर में भारी भीड़ देखी जाएगी। मंगलवार को देव दिवाली है, जिसके लिए मंदिर में भक्तों और भगवान दोनों के लिए ख़ास इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में दीपदान का एक शुभ कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जो हजारों गुना फल देने वाला पुण्य प्रदान करता है।

कार्तिक पंचुका के दौरान मां तुलसी की पूजा का भी महत्व है। इन पांच दिनों में मां तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागकर मां तुलसी से विवाह करते हैं, इसलिए इस समय भगवान विष्णु के साथ तुलसी का पूजन करना आवश्यक होता है।

Point of View

NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

कार्तिक पंचुका का क्या महत्व है?
कार्तिक पंचुका का महत्व इस महीने की धार्मिक प्रथाओं और भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा हुआ है। यह समय भक्तों के लिए पवित्र स्नान और दान का अवसर है।
भगवान जगन्नाथ का शृंगार कैसे किया जाता है?
भगवान जगन्नाथ का शृंगार भक्तों द्वारा प्रेम और श्रद्धा के साथ किया जाता है, जिसमें विशेष वस्त्र और आभूषण शामिल होते हैं।
दीपदान का क्या महत्व है?
दीपदान का आयोजन पुण्य का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, जो भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
कार्तिक पंचुका के दौरान मां तुलसी की पूजा क्यों की जाती है?
मां तुलसी की पूजा भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है, जो इस दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है।
कार्तिक पंचुका में स्नान का महत्व क्या है?
कार्तिक पंचुका में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और भक्तों के लिए वैकुंठ का मार्ग खुलता है।