प्रियंका चतुर्वेदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल क्यों उठाए?

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प्रियंका चतुर्वेदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल क्यों उठाए?

सारांश

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की राजनीति को जानें। प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाए सवाल, क्या यह सही समय था? जानिए उनके तर्क और सरकार की स्थिति।

Key Takeaways

  • जगदीप धनखड़ का इस्तीफा अचानक हुआ है।
  • प्रियंका चतुर्वेदी ने कई सवाल उठाए हैं।
  • संसद की कार्यवाही पर इसका असर होगा।
  • बिहार में मतदाता सूची को लेकर चिंता जताई गई है।
  • आधार कार्ड की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं और कहा कि यदि उपराष्ट्रपति का स्वास्थ्य इसकी वजह है, तो यह पहले भी किया जा सकता था। मानसून सत्र के पहले दिन ही क्यों? इससे कार्यवाही प्रभावित होती है।

उन्होंने आगे कहा कि जनता के मन में भी कई सवाल हैं। सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति बिल्कुल स्वस्थ नजर आ रहे थे और उनका स्वास्थ्य सामान्य था।

बुधवार को आईएनएस से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे से ठीक एक दिन पहले संसदीय कार्यवाही का संचालन किया था। मार्च में उनकी तबीयत खराब होने पर भी उन्होंने सदन की कार्रवाई में हिस्सा लिया था। अचानक इस्तीफे की वजह से मीटिंग प्रभावित हो रही है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि चर्चा में क्या मुद्दे उठेंगे।

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। प्रियंका चतुर्वेदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को राज्यसभा की कार्यवाही के लिए एक आपातकालीन ब्रेक करार दिया।

सदन की कार्यवाही बाधित होने पर उन्होंने कहा कि सदन में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त लहजे में पाकिस्तान को बताया कि जब तक वह आतंकवाद से पीछा नहीं छुड़ाता, तब तक बातचीत संभव नहीं है। विपक्ष ने विदेशों में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का प्रचार किया, लेकिन संसद में इस पर चर्चा की मांग को सरकार नजरअंदाज कर रही है। इसके अलावा, विपक्ष लगातार विशेष सत्र की मांग करता रहा है, लेकिन सरकार इन मुद्दों को दबा रही है। जनता से जुड़े मुद्दों को सदन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। सरकार अपनी जिद पर अड़ी है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया लोगों के वोटिंग अधिकारों को छीनने का प्रयास है, क्योंकि मांगे गए दस्तावेज सभी के पास उपलब्ध नहीं हैं। उनके अनुसार, बिहार में एसआईआर के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जा रहे हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाकर वोटरों के नाम काटे गए थे और यह भाजपा का एक सुनियोजित मॉडल है जिसे भविष्य के चुनावों में लागू किया जा सकता है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने आधार कार्ड की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब आधार को बैंकिंग प्रणाली में पहचान के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है, तो इसे मतदाता सूची के सत्यापन में क्यों नहीं माना जा रहा। यह मुद्दा संसद में उठाया जाएगा।

Point of View

या इसके पीछे गहरे राजनीतिक कारण छिपे हैं? विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा किस कारण से हुआ?
उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने क्या कहा?
उन्होंने इस्तीफे को अचानक और गलत समय पर बताया है।
इस इस्तीफे का संसद पर क्या असर होगा?
यह कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है और विपक्ष को मुद्दों को उठाने का मौका देगा।