क्या अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई ने 'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र प्रदान किया?

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क्या अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई ने 'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र प्रदान किया?

सारांश

गांधीनगर स्थित अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई द्वारा 'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो उसकी प्रसाद की गुणवत्ता और स्वच्छता को दर्शाता है। इस उपलब्धि से मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और बढ़ेगी। जानिए इस मंदिर की विशेषताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई द्वारा 'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र मिला है।
  • यह प्रमाणपत्र प्रसाद की गुणवत्ता और स्वच्छता का प्रतीक है।
  • मंदिर ट्रस्ट भविष्य में भी प्रगति की दिशा में काम करेगा।

गांधीनगर, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अंबाजी तीर्थस्थल विश्वभर के शक्ति उपासकों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। अंबाजी मंदिर ट्रस्ट द्वारा मोहनथाल प्रसाद का उत्पादन और विपणन किया जाता है। हर साल लगभग 1.25 करोड़ मोहनथाल प्रसाद की बिक्री होती है।

भक्तों को प्रदान किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अंबाजी मंदिर को 'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र प्रदान किया है।

यह उपलब्धि मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और स्वच्छता के साथ-साथ मंदिर के भोजन प्रबंधन और अनुशासित संचालन का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

यह सफलता आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट, अंबाजी और अतिरिक्त कलेक्टर कौशिक मोदी के मार्गदर्शन में हासिल की गई है।

'ईट राइट प्रसाद' प्रमाणपत्र केवल उन्हीं धार्मिक स्थलों को दिया जाता है, जिन्होंने प्रसाद तैयार करने और वितरण में खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और गुणवत्ता के कठोर मानकों का पालन किया है।

अंबाजी मंदिर की यह उपलब्धि पूरे गुजरात के लिए गर्व की बात है। मंदिर न्यास के प्रशासक एवं अतिरिक्त कलेक्टर कौशिक मोदी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंदिर न्यास भविष्य में भी इस दिशा में निरंतर प्रगति करता रहेगा।

Point of View

बल्कि यह धार्मिक स्थलों पर खाद्य सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता का भी संकेत है। यह कदम दर्शाता है कि कैसे धार्मिक संस्थाएं भी आधुनिक मानकों को अपनाकर श्रद्धालुओं की सेवा में निरंतरता रख सकती हैं।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई प्रमाणपत्र क्यों मिला?
अंबाजी मंदिर को एफएसएसएआई प्रमाणपत्र गुणवत्ता, स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन करने के लिए मिला है।
मोहनथाल प्रसाद की बिक्री कितनी होती है?
अंबाजी मंदिर में हर साल लगभग 1.25 करोड़ मोहनथाल प्रसाद की बिक्री होती है।