क्या जयपुर में जर्जर मकान गिरने से दो महिलाएं दबीं, एक बुजुर्ग महिला की मौके पर मौत?

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क्या जयपुर में जर्जर मकान गिरने से दो महिलाएं दबीं, एक बुजुर्ग महिला की मौके पर मौत?

सारांश

जयपुर में एक जर्जर मकान गिरने से दो महिलाएं मलबे में दब गईं, जिसमें से एक की मौके पर मौत हो गई। यह घटना सुभाष चौक थाना क्षेत्र में हुई, जहाँ बचाव कार्य में देरी से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया।

Key Takeaways

  • जर्जर इमारतों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • स्थानीय नगर निगम को ज़िम्मेदार ठहराने की जरूरत है।
  • बचाव कार्यों में तत्परता महत्वपूर्ण है।
  • स्थानीय निवासियों में आक्रोश बढ़ रहा है।
  • असुरक्षित भवनों को जल्द खाली कराने की अपील की गई है।

जयपुर, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज सुबह, जयपुर में एक जर्जर मकान गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप दो महिलाएं मलबे के नीचे दब गईं। इनमें से एक महिला धन्नीबाई (60) की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। वहीं, दूसरी महिला सुनीता (35) को पैर में फ्रैक्चर और चेहरे पर चोटें आईं। यह घटना सुबह 7 बजे सुभाष चौक थाना क्षेत्र में घटी।

परिवार के सदस्यों का कहना है कि बचाव दल को इमारत के गिरने की सूचना तुरंत मिल गई थी, लेकिन वे घटना के लगभग दो घंटे बाद, लगभग 9 बजे सुबह पहुंचे।

स्थानीय निवासियों ने घायल महिलाओं के रिश्तेदार तरुण महावर को फोन कर घटना की जानकारी दी। हादसे के समय मकान में रहने वाले दो बच्चे बाहर खेल रहे थे, इसलिए उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

यह क्षेत्र असुरक्षित और जर्जर इमारतों का केंद्र रहा है। कुछ दिन पहले, सुभाष चौक में एक हवेली गिर गई थी, जिसमें एक पिता और बेटी की मृत्यु हुई थी।

इस दुखद घटना के बाद, जयपुर नगर निगम ने 48 जर्जर भवनों की सूची तैयार की थी। इसके अलावा, किशनपोल क्षेत्र में आठ भवनों को सील करने की कार्रवाई भी की गई थी।

हालांकि, हाल की इन मौतों ने पुरानी इमारतों की सुरक्षा के मामले में नगरपालिका की प्रतिक्रिया पर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। जिस घर में यह हादसा हुआ, उसमें दो महिलाएं और एक नौकरानी निवास कर रही थीं।

स्थानीय निवासी प्रताप सिंह और घनश्याम सोनी ने बताया कि मलबे में दबने के बाद सुनीता मदद के लिए चिल्ला रही थी, लेकिन तुरंत कोई मदद नहीं मिली।

हवामहल जोन की उपायुक्त सीमा चौधरी ने बताया कि इस क्षेत्र में सभी जर्जर इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है। लोगों से असुरक्षित इमारतों को खाली करने की अपील की गई है।

बचाव कार्यों में देरी और असुरक्षित भवनों की लगातार उपेक्षा से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है, जो आगे की त्रासदियों को रोकने के लिए जयपुर नगर निगम और भवन मालिकों से अधिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

Point of View

यह घटना हमारी शहरी संरचना की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंताओं को उजागर करती है। यह जरूरी है कि हम जर्जर इमारतों की स्थिति को समझें और नगर निगमों को अधिक जिम्मेदार बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

जयपुर में यह घटना कब हुई?
यह घटना 18 सितंबर को सुबह 7 बजे हुई।
इस हादसे में कितनी महिलाएं प्रभावित हुईं?
इस हादसे में दो महिलाएं प्रभावित हुईं।
क्या सरकार ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई की है?
हाँ, जयपुर नगर निगम ने 48 जर्जर भवनों की सूची तैयार की है और कुछ भवनों को सील करने की कार्रवाई की गई है।
बचाव कार्य में देरी का क्या कारण था?
बचाव दल को सूचना मिलने के बाद भी वे लगभग 2 घंटे बाद पहुंचे।
क्या बच्चों को किसी प्रकार का नुकसान हुआ?
नहीं, हादसे के समय मकान में रहने वाले दो बच्चे बाहर खेल रहे थे और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।