क्या जयपुर के डॉक्टरों ने मानसिक रोगी के पेट से निकाला नट-बोल्ट, घड़ी और रुद्राक्ष?
सारांश
Key Takeaways
- जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अद्भुत सर्जरी हुई।
- मानसिक रोगी के पेट से घड़ी और नट-बोल्ट निकाले गए।
- डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक उपचार किया।
- मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
- ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।
जयपुर, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान की राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डॉक्टरों ने एक अद्भुत कार्य किया, जिसे सुनकर सभी लोग चकित रह गए। यहां के चिकित्सा विशेषज्ञों ने एक मानसिक रूप से बीमार युवक के पेट से घड़ी, नट-बोल्ट, रुद्राक्ष की माला और राधा-कृष्ण का लॉकेट जैसी कई वस्तुएं निकाली हैं।
मरीज मानसिक रूप से अस्थिर था और उसने पिछले कुछ दिनों में नट-बोल्ट, लोहे के टुकड़े और यहां तक कि अपनी हाथ की घड़ी भी निगल ली थी। जब घड़ी फूड पाइप में फंस गई तो उसे तुरंत एसएमएस अस्पताल लाया गया।
एसएमएस अस्पताल की जनरल सर्जन डॉ. शालू गुप्ता ने बताया कि मरीज की स्थिति गंभीर थी। पहले हमने एंडोस्कोपी का उपयोग करके घड़ी निकालने का प्रयास किया, लेकिन दो बार की कोशिशों के बावजूद सफलता नहीं मिली। इसके बाद हमने वीएटीएस (वीडियो असिस्टेड थोरेसिक सर्जरी) का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह सर्जरी बहुत जटिल थी और लगभग 3 घंटे तक चली।
डॉ. शालू ने कहा कि मरीज गुरुवार को हमारे पास आया था। उसके परिवार ने बताया कि तीन दिन पहले उसने घड़ी निगल ली थी। जब हमने उसका एक्सरे कराया, तो घड़ी उसके फूड पाइप में अटकी हुई पाई गई। इसके साथ ही रबड़, नट-बोल्ट और ताबीज भी उसके पेट में दिखाई दिए।
हमारी प्राथमिकता थी कि एंडोस्कोपी के माध्यम से घड़ी निकाली जाए, ताकि फूड पाइप को खोलने से बचा जा सके। लेकिन, इस प्रयास में असफल रहने के कारण हमें सर्जरी का सहारा लेना पड़ा। ऑपरेशन के दौरान उसके पेट से रुद्राक्ष, सुपारी, रबड़ और नट-बोल्ट जैसी वस्तुएं भी निकाली गईं।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सफल रहा है और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है।