क्या जैसलमेर में भारत-पाक सीमा पर मनाई गई दीपावली? बीएसएफ ने दिया सुरक्षा का संदेश

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली का पर्व सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक है।
- बीएसएफ जवानों ने चौकसी को प्राथमिकता दी।
- महिलाकर्मियों ने सजावट की जिम्मेदारी संभाली।
- इस दीपावली में जवानों ने देश की सुरक्षा का संदेश दिया।
- सरहद पर हर दीपावली सुरक्षित और रोशन रहेगी।
जैसलमेर, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के इस पावन अवसर पर भी भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूरी चौकसी के साथ तैनात रहे। राजस्थान के जैसलमेर सेक्टर में, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह पहली बार है जब दीपावली मनाई जा रही है।
जैसलमेर सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ के जवानों की तैनाती बनी रही। रविवार को सीमा पर सुरक्षा के उपाय पहले से कहीं अधिक कड़े थे और जवान हाई अलर्ट पर थे। इस चौकसी और जज्बे के बीच, जवानों ने सीमा चौकियों को दीयों और रंगोली से सजाकर दीपावली का जश्न मनाया और पूरे देश को सुरक्षा और त्याग का संदेश दिया।
बीएसएफ के जवानों ने सीमा चौकियों पर दीये
महिलाकर्मियों ने सजावट की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से संवाद करते हुए कहा, "हमारे लिए सबसे बड़ा पर्व ड्यूटी है। घर पर परिवार दीपावली मना रहा है, लेकिन हम यहां देश की सुरक्षा में तैनात हैं ताकि देशवासी निश्चिंत होकर त्योहार मना सकें।"
एक जवान ने कहा, "हम यहां तैनात हैं ताकि आप अपने घरों में चैन से सो सकें। दीपावली का असली मतलब हमारे लिए चौकसी, सुरक्षा और फर्ज है।"
अधिकारी ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। त्योहारों के दौरान सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं दी जाती है। पूरे सेक्टर में जवान अलर्ट मोड में तैनात हैं, पाकिस्तान की ओर से किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि सरहद की यह दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि जवानों के हौसले, चौकसी और अटूट देशभक्ति का प्रतीक है। जवानों ने यह साबित कर दिया है कि जब तक वे सीमा पर जाग रहे हैं, तब तक देश की हर दीपावली सुरक्षित और रोशन रहेगी।