क्या जालंधर में भगवान वाल्मीकि शोभायात्रा में चरणजीत सिंह चन्नी ने भाग लिया?

सारांश
Key Takeaways
- भगवान वाल्मीकि का प्रगट दिवस सामाजिक एकता का प्रतीक है।
- चरणजीत सिंह चन्नी ने सांप्रदायिक सौहार्द पर जोर दिया।
- किसानों के मुद्दों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की गई।
- शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
- राजनीतिक विवादों का संदर्भ दिया गया।
जालंधर, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के जालंधर में भगवान वाल्मीकि के ‘प्रगट दिवस’ के अवसर पर सोमवार को एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। सुबह के समय में रुक-रुककर हो रही बारिश और बादलों के बावजूद, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस शोभायात्रा में शामिल हुए।
इस शोभायात्रा की शुरुआत डॉ. अंबेडकर चौक से हुई, जिसमें सांसद चरणजीत सिंह चन्नी भी उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान वाल्मीकि को नमन किया और शहरवासियों को प्रगट दिवस की शुभकामनाएँ दीं।
चन्नी ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी का प्रगट दिवस है और इसी उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली जा रही है। बाबा प्रगट नाथ और संगत नाथ के आशीर्वाद से यह शोभायात्रा सामाजिक एकता का प्रतीक है।
शोभायात्रा के दौरान चन्नी ने हिंदू-मुस्लिम विवादों पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब की भूमि हमेशा से सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जानी जाती है। उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि पंजाब में कभी भी धर्म के आधार पर विवाद नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, "सभी धर्म परमात्मा तक पहुँचने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं, लेकिन इंसानियत एक है। सभी के खून का रंग लाल है।"
चरणजीत सिंह चन्नी ने आदमपुर के लापता युवा अरविंदर सिंह के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने विधायक सुखविंदर कोटली से बातचीत की है और जल्द ही दिल्ली जाकर इस मामले पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने बरनाला के सैना गाँव में पूर्व सरपंच के बेटे की हत्या के मामले में गंभीर आरोप लगाए। चन्नी का कहना था कि मृतक राजनीतिक रूप से सक्रिय था और उसके स्थानीय विधायक से विवाद था।
उन्होंने इस हत्या की सीबीआई जांच की मांग की और विधायक तथा उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही।
चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "पंजाब में पहले लालच दिया जाता है, फिर धमकी, फिर मुकदमा और अंत में गोलियां चलती हैं।"
दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया के बयान का हवाला देते हुए चन्नी ने कहा कि पंजाब में भी ‘साम, दाम, दंड, भेद’ की नीति अपनाई जा रही है।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा हटाने के बाद ही यह घटना हुई थी।
किसानों के मुद्दे पर, चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के साथ खिलवाड़ कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे का वादा किया, लेकिन अब तक कोई किसान यह राशि नहीं प्राप्त कर सका। सरकार का कहना था कि खजाना भरा है, तो फिर केंद्र से पैसे क्यों मांगने पड़ रहे हैं?