क्या 'डंकी रूट' के जरिए यूएसए भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की गई?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 'डंकी रूट' के तहत अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई की।
- अटैच की गई संपत्तियों में कृषि भूमि और बैंक खाते शामिल हैं।
- ये एजेंट भोले-भाले लोगों को ठगते थे।
- जांच में फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
- इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
जालंधर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने अवैध गतिविधियों से अर्जित की गई लगभग 5.41 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अटैच किया है।
ईडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शुभम शर्मा, जगजीत सिंह और सुरमुख सिंह के खिलाफ अपराध की कमाई से संबंधित लगभग 5.41 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया है।
ये एजेंट 'डंकी' रूट के माध्यम से लोगों को अवैध तरीके से यूएसए भेजने का कार्य कर रहे थे। अटैच की गई संपत्तियों में इन एजेंटों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कृषि भूमि, आवासीय परिसर, व्यावसायिक परिसर और बैंक खाते शामिल हैं।
ईडी ने पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा बीएनएस, 2023 (पहले आईपीसी, 1860) और इमिग्रेशन एक्ट, 1983 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच आरंभ की थी। यह मामला फरवरी 2025 में यूएसए सरकार द्वारा 330 भारतीय नागरिकों को सैन्य कार्गो विमानों से भारत भेजने से संबंधित है, जो अवैध रूप से यूएसए में दाखिल हुए थे।
ईडी की जांच में पाया गया कि ये 'एजेंट' और उनके सहयोगी भोले-भाले लोगों को यूएसए में कानूनी रूप से भेजने का झांसा देकर धन वसूलते थे। लेकिन, बाद में उन्हें विभिन्न दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक रास्तों से भेजा जाता था और उन्हें यूएसए-मेक्सिको सीमा के माध्यम से अवैध रूप से यूएसए में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया जाता था।
इस दौरान लोगों को प्रताड़ित किया जाता था और उनसे अतिरिक्त पैसे वसूले जाते थे। इसके अलावा, उनसे अवैध कार्य भी करवाए जाते थे। इन 'एजेंटों' और उनके सहयोगियों ने झूठे बहाने बनाकर कई लोगों को ठगकर बड़ी राशि अर्जित की।
इस मामले में 9 और 11 जुलाई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 19 स्थानों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें फर्जी इमिग्रेशन स्टैंप, फर्जी वीजा स्टैंप, रिकॉर्ड और डिजिटल उपकरण सहित आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद की गई। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है।