क्या जमालपुर में मदर डेयरी प्लांट के शिलान्यास से क्षेत्र में विकास होगा?
सारांश
Key Takeaways
- मदर डेयरी प्लांट का शिलान्यास औद्योगिक विकास का प्रतीक है।
- स्थानीय गोपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।
- नौकरियों का सृजन होगा।
- चार आसपास के जिलों को भी लाभ होगा।
- शहर के विकास में नई दिशा मिलेगी।
जमालपुर, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में मुंगेर जिले के जमालपुर में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी मदर डेयरी प्लांट की आधारशिला रखी। स्थानीय लोगों ने इसे शहर के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन बताया है, जिसने क्षेत्र में औद्योगिक पुनर्जागरण की आशाएँ जगा दी हैं।
जदयू के उम्मीदवार नचिकेता मंडल ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि मदर डेयरी प्लांट से स्थानीय गोपालकों और दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ होगा। अब किसानों को दूध बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी। सप्लाई चेन में कई स्तरों पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और प्लांट में भी बड़ी संख्या में नौकरियाँ मिलेंगी।
स्थानीय निवासी सोनू मंडल ने खुशी जताते हुए कहा, “पहले कहा जा रहा था कि डेयरी प्रोजेक्ट नहीं आएगा, लेकिन अब आ गया है। शिलान्यास हो चुका है और प्रक्रिया पूरी हो गई है। इससे जमालपुर के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सांसद ललन सिंह के आभारी हैं।”
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि मदर डेयरी प्लांट से न केवल जमालपुर बल्कि आसपास के चार जिलों को भी लाभ होगा। “यह परियोजना शहर के विकास के लिए एक बड़ी पहल है। इससे हजारों परिवारों की आजीविका सुरक्षित होगी। काली पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे नए रोजगार सृजित होंगे।”
स्थानीय वार्ड पार्षद स्वदेश कुमार मंडल ने बताया कि कभी जमालपुर “उद्योग नगरी” के नाम से जाना जाता था। रेलवे के विस्तार के साथ यहां के कई कारखाने बंद हो गए थे, लेकिन सांसद ललन सिंह के प्रयासों से जमालपुर रेल कारखाने को फिर से गति मिली है। अब मदर डेयरी के रूप में दूसरा बड़ा उद्योग मिलना इस क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सांसद ललन सिंह की दूरदर्शी नीतियों से जिले में औद्योगिक गतिविधियाँ पुनर्जीवित हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमालपुर में मदर डेयरी प्लांट की स्थापना से औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक विकास की नई दिशा मिलेगी।