क्या जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कोष में 54.4 लाख रुपए दिए?

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क्या जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कोष में 54.4 लाख रुपए दिए?

सारांश

जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए 54.4 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में सौंपा है। यह योगदान न्यायालय के न्यायाधीशों और कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से प्रदान किया गया है। जानें और कैसे यह सहायता प्रभावित परिवारों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

Key Takeaways

  • 54.4 लाख रुपए की सहायता बाढ़ पीड़ितों के लिए दी गई है।
  • यह योगदान स्वेच्छा से किया गया था।
  • मुख्यमंत्री ने इस योगदान के लिए धन्यवाद किया।
  • हरियाणा सरकार ने भी 5 करोड़ रुपए का योगदान दिया।
  • बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं।

श्रीनगर, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर 54.4 लाख रुपए का चेक 'मुख्यमंत्री राहत कोष' में सौंपा। यह राशि हाल ही में राज्य में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए दी गई है।

यह आर्थिक सहायता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से योगदान के रूप में एकत्र की गई है। इसका उद्देश्य बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों में सहयोग प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री ने इस योगदान के लिए उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों और कर्मचारियों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी उदारता और एकजुटता प्रभावित परिवारों की सहायता के हमारे सामूहिक प्रयासों को और मजबूत करेगी।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हाल ही में भारी वर्षा और बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। अनेक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, सड़कों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और कई परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं।

2 सितंबर को हरियाणा सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 'मुख्यमंत्री राहत कोष' में 5 करोड़ रुपए का योगदान दिया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस योगदान के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का आभार जताते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिखा, "मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपए का उदार सहयोग देने के लिए हरियाणा सरकार का धन्यवाद। यह सहयोग जम्मू-कश्मीर में जारी राहत और पुनर्वास कार्यों को नई गति देगा।"

यह आर्थिक सहायता ऐसे समय में दी गई थी जब जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ जैसे हालात बने हुए थे। इस सहयोग से राहत शिविरों, क्षतिग्रस्त इन्फ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत और प्रभावित परिवारों की मदद के कार्यों को बल मिलने की उम्मीद जताई गई।

जम्मू के कई जिलों में लगातार बारिश के चलते जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आ रही थीं।

Point of View

बल्कि यह समाज में एकजुटता और सहयोग का संदेश भी फैलाती है। जब हम सभी मिलकर ऐसी कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो हम न केवल प्रभावित परिवारों की मदद करते हैं, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा देते हैं।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

जम्मू एवं कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता कैसे दी गई?
जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और कर्मचारियों ने स्वेच्छा से 54.4 लाख रुपए का योगदान दिया जो मुख्यमंत्री राहत कोष में सौंपा गया।
क्या हरियाणा सरकार ने भी मदद की थी?
हां, हरियाणा सरकार ने 5 करोड़ रुपए का योगदान 'मुख्यमंत्री राहत कोष' में दिया था।
यह सहायता बाढ़ पीड़ितों के लिए किस प्रकार उपयोगी होगी?
यह सहायता राहत शिविरों, क्षतिग्रस्त इन्फ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत और प्रभावित परिवारों की मदद में उपयोग की जाएगी।