क्या जम्मू-कश्मीर में ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई?
सारांश
Key Takeaways
- ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
- 150 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
- सुरक्षा बल आतंकवाद के समर्थन प्रणाली को खत्म करने के लिए सक्रिय हैं।
- जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति लाने की कोशिशें जारी हैं।
- ड्रग तस्करी और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
श्रीनगर, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर की पुलिस और सुरक्षा बलों ने शनिवार को आतंकवादी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की और पूछताछ के लिए 150 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार, श्रीनगर में अब तक 150 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जबकि घाटी के कई हिस्सों में ओजीडब्ल्यू के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद और घाटी के अन्य आतंकवादी संगठनों के टेरर नेटवर्क को समाप्त करने के लिए ओजीडब्ल्यू के खिलाफ यह कार्रवाई शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि ओजीडब्ल्यू नेटवर्क के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई के तहत कश्मीर घाटी के कई क्षेत्रों में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल आतंकवाद के समस्त समर्थन प्रणाली को समाप्त करने के लिए एक नई रणनीति के तहत आतंकवादियों, उनके ओजीडब्ल्यू और सहयोगियों के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रहे हैं।
ड्रग तस्कर, ड्रग पेडलर और हवाला मनी रैकेट जैसे गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों में शामिल लोग भी सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं। माना जाता है कि ड्रग तस्करी और गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों से प्राप्त धन का उपयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने के लिए किया जाता है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल नियमित रूप से सुरक्षा समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ 360-डिग्री अप्रोच अपनाने का निर्देश दिया है ताकि केवल बंदूक चलाने वाले आतंकवादियों पर ध्यान केंद्रित न किया जाए, बल्कि आतंकवाद के समस्त समर्थन प्रणाली को समाप्त किया जा सके और जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति लाई जा सके।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल अंदरूनी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ड्यूटी पर तैनात हैं, जबकि सेना और बीएसएफ नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ, ड्रग तस्करी एवं सीमा पार से ड्रोन गतिविधियों को रोकने के लिए तैनात हैं।