क्या जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट पर खेद जताया?
सारांश
Key Takeaways
- नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट हुआ है जिससे कई लोग प्रभावित हुए हैं।
- डीजीपी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
- आतंकवादी संबंधों की अटकलें खारिज की गई हैं।
- पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- घायलों का इलाज जारी है।
श्रीनगर, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने शनिवार को नौगाम पुलिस स्टेशन के भीतर हुई विस्फोट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने किसी भी प्रकार के 'आतंकवादी संबंध' को खारिज करते हुए कहा कि इस दुखद घटना के कारणों के बारे में अन्य धारणाएं केवल 'अनावश्यक अटकलें' हैं।
डीजीपी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए कहा कि फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन लाई गई थी और इसे खुले स्थान पर सुरक्षित रूप से रखा गया था। बरामद की गई सामग्री की मात्रा अत्यधिक होने के कारण, पिछले दो दिनों से विस्फोटक सामग्री के नमूनों को एकत्र करने की प्रक्रिया चल रही थी, ताकि उन्हें आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जा सके।
उन्होंने बताया कि विस्फोटक सामग्री की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण इसे अत्यधिक सावधानी से संभाला जा रहा था। दुर्भाग्यवश, शुक्रवार रात लगभग 11.20 बजे, जब्त की गई सामग्री में आकस्मिक विस्फोट हो गया।
डीजीपी ने कहा कि इस घटना के कारणों के बारे में और कोई अटकलें लगाना अनावश्यक है। इस विस्फोट में 9 लोगों की जान गई है, जिनमें एक विशेष जांच एजेंसी का कर्मचारी, दो राजस्व अधिकारी, एफएलएस टीम के तीन कर्मचारी, अपराध शाखा के दो फोटोग्राफर और एक दर्जी शामिल हैं। इसके अलावा, पुलिस स्टेशन की इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुईं। इस घटना का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है और पुलिस मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है।
इस विस्फोट में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए बादामी बाग क्षेत्र में स्थित सेना के बेस अस्पताल और शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसकेआईसीसी) सौरा में भर्ती किया गया है।
शनिवार सुबह, डीजीपी नलिन प्रभात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ नौगाम पुलिस स्टेशन गए और स्थिति का现场 निरीक्षण किया।
नौगाम पुलिस स्टेशन के अंदर हुआ विस्फोट इतना भयंकर था कि आस-पास की इमारतों के शीशे टूट गए और विस्फोट की आवाज़ नौगाम क्षेत्र से 5-10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। भीषण विस्फोट के कारण पुलिस स्टेशन के अंदर खड़े कई वाहनों में आग लग गई और आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियाँ भेजी गईं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में सफेदपोश आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। इस मामले में डॉ. आदिल राठर और डॉ. मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरे आतंकवादी साथी, डॉ. उमर नबी को गिरफ्तार होने से बच निकला। बाद में लाल किले के पास एक कार विस्फोट में उसकी मौत हो गई, जिसमें 10 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए।
लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया। जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की गिरफ्तारी से आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।