क्या जामनगर की कलाकार ने रंगोली से पहलगाम हमले की पीड़ा और शौर्य की कहानी उकेरी?

Click to start listening
क्या जामनगर की कलाकार ने रंगोली से पहलगाम हमले की पीड़ा और शौर्य की कहानी उकेरी?

सारांश

जामनगर की रिद्धि सेठ ने दीपावली के अवसर पर रंगोली के माध्यम से देशभक्ति और बलिदान की एक अनूठी कहानी प्रदर्शित की है। उनकी रंगोली, जो 2025 के पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए 26 निर्दोषों को समर्पित है, एक गहरी भावनात्मक श्रद्धांजलि है।

Key Takeaways

  • रिद्धि सेठ की रंगोली एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है।
  • यह रंगोली आतंकवाद के खिलाफ एकता का प्रतीक है।
  • इसमें भारतीय संस्कृति और बलिदान की भावना को दर्शाया गया है।
  • रंगोली के माध्यम से देशभक्ति की भावना को उजागर किया गया है।
  • यह कला हर भारतीय के दिल को छू जाती है।

जामनगर, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के पावन पर्व पर, जामनगर की एक महिला कलाकार ने अपनी रंगोली कला के माध्यम से देशभक्ति और बलिदान की एक अद्भुत कहानी प्रस्तुत की है, जो हर भारतीय के दिल को छू रही है। उनकी इस कृति का शीर्षक है 'शौर्य: एक राष्ट्र, एक ज्वाला', जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले में शहीद हुए 26 निर्दोषों को समर्पित है।

रिद्धि सेठ, जो पिछले 15 वर्षों से विभिन्न थीम पर रंगोली बनाती आ रही हैं, इस बार उन्होंने इसे केवल रंगों का मेल नहीं, बल्कि एक भावनात्मक श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत किया है। यह श्रद्धांजलि उन सभी शहीदों की आत्मा के प्रति है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

रिद्धि के अनुसार, उनकी रंगोली में भारत की मिट्टी की खुशबू, बलिदान का खून और देशभक्ति की आग समाहित है।

रंगोली में एक भारतीय महिला का चेहरा दिखाई दे रहा है, जो उन परिवारों की पीड़ा की प्रतीक है जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस निर्दयी हमले में खोया। इस महिला की आंखों में गहरा दर्द और असहायता झलकती है, जो राष्ट्र की सामूहिक पीड़ा को दर्शाती है।

दूसरी ओर, एक भारतीय सैनिक का चेहरा दिखाई देता है, जिसमें क्रोध, साहस और प्रतिशोध की भावना कूट-कूटकर भरी है। यह सैनिक उस भावना का प्रतिनिधित्व करता है, जो हर भारतीय के दिल में आतंकवाद के खिलाफ है।

रंगोली की पृष्ठभूमि में तिरंगा और उड़ते हुए भारतीय लड़ाकू विमान हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के न्याय, जवाब और एकता के संदेश को दर्शाते हैं। यह रंगोली न केवल श्रद्धांजलि है, बल्कि यह एक सशक्त संदेश भी है कि भारत आतंक के सामने कभी झुकेगा नहीं। हमारे सैनिकों का शौर्य और हमारी राष्ट्रभक्ति की ज्वाला सदैव प्रज्वलित रहेगी।

करीब पांच फुट लंबी और तीन फुट चौड़ी इस रंगोली को साधारण चिरोड़ी रंगों से बनाया गया है, और इसे तैयार करने में रिद्धि सेठ ने लगभग दस दिन की अथक मेहनत की। इस रंगोली को देखने के लिए कई लोग जामनगर से आ रहे हैं और इसे देखकर वे भावुक हो जाते हैं।

रंगोली कलाकार रिद्धि सेठ का कहना है कि 'शौर्य: एक राष्ट्र, एक ज्वाला' ना केवल पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को एक कलात्मक श्रद्धांजलि है, बल्कि यह पूरे देश की उस एकता, बलिदान और साहस की भावना का प्रतीक भी है, जो हर भारतीय के दिल में हमेशा जीवित रहेगी। यह रंगोली एक राष्ट्र की आवाज है, जो कहती है कि भारत की मिट्टी आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेगी।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि रिद्धि सेठ की रंगोली न केवल एक कला का नमूना है, बल्कि यह हमारे देश की एकता और बलिदान की भावना का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाती है कि हम सभी को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना होगा।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

यह रंगोली किसलिए बनाई गई है?
यह रंगोली 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए 26 निर्दोषों की याद में बनाई गई है।
रिद्धि सेठ ने इस रंगोली को बनाने में कितना समय लिया?
रिद्धि सेठ ने इस रंगोली को बनाने में लगभग दस दिन का समय लिया।
इस रंगोली का शीर्षक क्या है?
'शौर्य: एक राष्ट्र, एक ज्वाला' इस रंगोली का शीर्षक है।
रंगोली में क्या चित्रित किया गया है?
रंगोली में एक भारतीय महिला और एक भारतीय सैनिक का चेहरा चित्रित किया गया है, जो बलिदान और साहस का प्रतीक हैं।
क्या यह रंगोली केवल एक कला का नमूना है?
नहीं, यह रंगोली एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है और आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकता का प्रतीक है।
Nation Press