क्या जामनगर के गांवों में ‘निर्मल गुजरात 2.0’ योजना का प्रभाव महिलाओं की जिंदगी में बदलाव ला रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- निर्मल गुजरात 2.0 योजना का उद्देश्य गांवों में सफाई को बढ़ावा देना है।
- महिलाओं को डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण से काफी सुविधा मिली है।
- गांवों की सड़कों की सफाई में सुधार हो रहा है।
- जामनगर नगर निगम की यह पहल स्वच्छता को प्रोत्साहित कर रही है।
- इस योजना से 50,545 परिवारों को लाभ मिल रहा है।
जामनगर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के जामनगर के दडिया और नारणपर गांवों की महिलाएं हर सुबह कचरे वाली गाड़ी का बेसब्री से इंतजार करती हैं। दरअसल, गुजरात सरकार ने राज्यभर में निर्मल गुजरात 2.0 योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत जामनगर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 71 गांवों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं के अनुसार, नगर निगम की गाड़ी उनके दरवाजे पर आकर उन्हें कचरा डालने की सुविधा प्रदान करती है।
नारणपर गांव की महिला भावनाबेन गोसाई ने कहा कि हमारे गांव में सफाई का स्तर बहुत अच्छा है। प्रतिदिन ट्रैक्टर आता है जिसमें गीला और सूखा कचरा डालते हैं।
जामनगर नगर निगम की इस पहल से ग्रामीण महिलाओं में खुशी का माहौल है, क्योंकि अब उन्हें कचरा फेंकने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता।
गीताबेन मकवाना ने कहा कि हमारे गांव में रोजाना ट्रैक्टर आता है। पहले कचरा बाहर फेंकने जाना पड़ता था, लेकिन अब यह काम बहुत आसान हो गया है। हम गुजरात सरकार का धन्यवाद करते हैं।
जामनगर नगर निगम ने सबसे पहले 35 गांवों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का अभियान शुरू किया था। इसकी सफलता के बाद इसे 71 गांवों में लागू किया गया। 33 वाहन जीपीएस सिस्टम के साथ प्रतिदिन इन गांवों में जाकर कचरा संग्रहण करते हैं।
तालुका पंचायत जामनगर के एटीडीओ हितेंद्र सिंह जडेजा ने बताया कि 71 गांवों के कुल 50,545 परिवारों के 2,34,831 लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
जामनगर नगर निगम एरिया के 71 गांवों के कुल 50,545 परिवारों को इस अभियान से लाभ मिल रहा है। गांवों की साफ-सुथरी सड़कें इसके सफलता की गवाही दे रही हैं। नगर निगम की यह पहल स्वच्छ ग्राम-स्वस्थ ग्राम मुहिम को भी साकार कर रही है।