क्या जंगलराज वालों का यही है तरीका? प्रधानमंत्री मोदी का राजद पर बड़ा हमला
सारांश
Key Takeaways
- जंगलराज वाले सत्ता में आने के लिए बेचैन हैं।
- बिहार के युवाओं ने राजद की योजनाओं को नाकाम किया।
- राजद का गाना 'मारब सिक्सर के' उनकी असली मंशा को उजागर करता है।
- कुशासन ने विकास की हर संभावना को समाप्त कर दिया।
- नीतीश कुमार ने क्षेत्र को भयावह स्थिति से बाहर निकाला है।
भभुआ, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 'जंगलराज' वाले सत्ता पर काबिज होने के लिए उतावले हैं। ये लोग जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि जनता को कट्टा दिखाकर लूटने के इरादे से हैं।
बिहार के भभुआ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब यह चुनाव शुरू हुआ था, तब राजद और कांग्रेस के लोग अपनी जीत को लेकर बहुत आश्वस्त थे। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उनके आत्मविश्वास में कमी आ गई और पहले चरण के मतदान के बाद उनकी उम्मीदें चुराई गईं।
उन्होंने कहा, "बिहार के युवाओं को भ्रमित करने के प्रयास किए गए, लेकिन उनकी सारी योजनाएं विफल हो गईं। इसका मुख्य कारण बिहार का जागरूक युवा है, जो देख रहा है कि कांग्रेस और राजद के असली इरादे क्या हैं।"
पीएम मोदी ने कहा, "राजद का एक गाना है, 'मारब सिक्सर के, 6 गोली छाती में।' यही इनका तरीका और योजना है। जब आप राजद के लोगों से सवाल पूछेंगे, तो यही जवाब मिलेगा, 'मारब सिक्सर के, 6 गोली छाती में। यही जंगलराज की पहचान है।"
उन्होंने आगे कहा, "ये महिलाओं, गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। यह उनका भय फैलाने का खेल है। जंगलराज वाले कभी भी कोई विकास नहीं कर सकते, वे केवल बर्बादी और अव्यवस्था का प्रतीक हैं।"
डालमिया नगर का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों की मेहनत के बाद एक विकसित औद्योगिक नगर बन रहा था, लेकिन कुशासन की राजनीति के कारण वो फिर से बर्बाद हो गया। फिरौती, रंगदारी, करप्शन, हत्या और अपहरण का दौर शुरू हो गया। जंगलराज ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
एक और उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कैमूर में प्राकृतिक सौंदर्य की भरपूर संभावनाएं थीं। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता था, लेकिन जंगलराज वालों ने इसे कभी विकसित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने इस क्षेत्र को उस भयावह स्थिति से बाहर निकाला है। मुझे खुशी है कि अब यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। जिस करकट वाटरफॉल के आसपास माओवादी आतंक का खौफ था, आज वहां पर्यटकों की भीड़ रहती है।"