क्या जावेद जाफरी की विरासत में मिली कॉमेडी ने देश को डांस के नए तरीके से रुबरू कराया?
सारांश
Key Takeaways
- जावेद जाफरी की मेहनत ने उन्हें कॉमेडी के अलावा डांस में भी सफल बनाया।
- उन्होंने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया।
- जावेद ने मानव स्वभाव को समझकर अपने किरदारों में उसे समाहित किया।
- उनकी पहली फिल्म ने भारत में डांस के नए तरीकों को पेश किया।
- जावेद ने अपने करियर में अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं हैं।
मुंबई, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कुछ चीजें विरासत में मिलती हैं और कुछ को अपनी मेहनत के बलबूते पर सीखा जाता है। अभिनेता जावेद जाफरी भी उन्हीं अभिनेताओं में से हैं, जिन्हें कॉमेडी अपने पिता से विरासत में मिली, लेकिन डांस, सिंगिंग और एक्टिंग में निपुणता पाने के लिए उन्होंने खुद पर मेहनत की।
वे उन चुनिंदा सितारों में से एक रहे हैं जिन्होंने माइकल जैक्सन के साथ स्टेज साझा किया। 4 दिसंबर को अभिनेता अपना 63वां जन्मदिन मनाएंगे।
जावेद जाफरी, हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध कॉमेडियन और अभिनेता जगदीप जाफरी के पुत्र हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग भी उनके पिता के समान उत्कृष्ट है, फिर भी हिंदी सिनेमा में नाम कमाने के लिए उन्होंने कभी अपने पिता का नाम नहीं लिया।
उन्होंने अपने आसपास के लोगों से सीखने का प्रयास किया और अपने किरदारों में उन अनुभवों को शामिल किया। ह्यूमन साइकोलॉजीमानव स्वभाव की गहरी समझ है। किसी भी प्रोजेक्ट को स्वीकार करने से पहले वे कई बार विचार करते हैं, उनका ध्यान हमेशा अपनी स्किल्स को और निखारने पर होता है।
12वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद उन्हें पहली बार 500 रुपए की कमाई हुई थी। उन्होंने एक टी-शर्ट ब्रांड के लिए विज्ञापन किया, इसके बाद वे वीजे, डांसर, कोरियोग्राफर, वॉइस आर्टिस्ट और एक्टर के रूप में उभरे। स्कूल के दिनों से ही उन्हें डांस करने का शौक था, और उनका रुझान वेस्टर्न डांस की ओर अधिक था।
अपनी पहली फिल्म से उन्होंने भारत को डांस करने के नए तरीके से परिचित कराया। 1985 में आई फिल्म 'मेरी जंग' से जावेद ने फिल्मों में कदम रखा, लेकिन पहले वे विलेन की भूमिका करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने फिल्म निर्माता सुभाष घई से थोड़ा समय मांगा और फिर फिल्म के लिए हामी भरी।
पहली फिल्म में जावेद एक स्टाइलिश विलेन और बेहतरीन डांसर के रूप में उभरे। गाने 'बोल बेबी बोल' में उनका डांस दर्शकों को बहुत पसंद आया और यह कहना गलत नहीं होगा कि अभिनेता की वजह से ही बॉलीवुड में ब्रेक डांस, स्ट्रीट डांस और हिप-हॉप का चलन बढ़ा। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की और जावेद का करियर शुरू हो गया। उन्होंने 'बूगी-वूगी' और 'हिप हॉप इंडिया एस2' जैसे शो में जज की भूमिका भी निभाई।
पहली ही फिल्म से हिट होने के बावजूद जावेद ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ फिल्म 'डिस्को डांसर' करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि यदि वे इस फिल्म में काम करते तो अपनी स्किल्स को दोहराना पड़ता, और वे कुछ नया करना चाहते थे। इसी कारण उन्होंने फिल्म में काम करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद जावेद ने '7 साल बाद', 'सोचा न था', 'फिर वो आएगी', 'लश्कर', 'नया सावन', 'जीना-मरना तेरे संग' जैसी कई फिल्में कीं और आज भी पर्दे पर सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने अपने बेटे के साथ फिल्म 'दे दे प्यार दे 2' में काम किया है।