क्या जदयू ने 'लालू राज' की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाकर बिहार के अतीत को याद किया?

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क्या जदयू ने 'लालू राज' की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाकर बिहार के अतीत को याद किया?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले, जदयू ने राजद के शासनकाल की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई। प्रदर्शनी में नरसंहारों की घटनाओं को दर्शाते हुए पोस्टर भी हैं। क्या यह जनता के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने का प्रयास है?

Key Takeaways

  • जदयू ने राजद के शासनकाल की याद दिलाने के लिए प्रदर्शनी लगाई।
  • प्रदर्शनी में नरसंहारों की घटनाओं को दर्शाया गया है।
  • नीरज कुमार ने लालू के चुनाव प्रचार पर सवाल उठाए।
  • यह प्रदर्शनी आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • बिहार के अतीत को समझना आवश्यक है।

पटना, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 11 नवंबर को होने वाला है। इस संदर्भ में सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इसी बीच, एनडीए में शामिल जदयू ने शनिवार को राजद के शासनकाल की तस्वीरों और उस समय के समाचार पत्रों की कटिंग की एक प्रदर्शनी आयोजित की है।

पटना में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार के सरकारी आवास के बाहर लगी इस प्रदर्शनी में उस समय से जुड़े घटनाक्रमों को दर्शाते हुए पोस्टर भी लगाए गए हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से राजद के शासनकाल में हुए नरसंहार की घटनाओं को उजागर किया गया है।

एक पोस्टर में लिखा गया है, "वो दौर जब जातीय विद्वेष और बंदूक का शासन था.. भूलेगा नहीं बिहार, वो 118 नरसंहार, जहां इंसानियत रोई थी और सत्ता मुस्कुरा रही थी। नरसंहारों की चीखें आज भी बिहार की मिट्टी में गूंजती हैं।"

प्रदर्शनी को लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू राज की प्रदर्शनी इसलिए लगाई गई है क्योंकि तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी गईं, नामांकन में लालू यादव गए, लेकिन जब लालू यादव रीतलाल यादव के प्रचार में गए, तब यह स्पष्ट हो गया कि लालूवाद का प्रतिनिधित्व कैसे होगा।

उन्होंने कहा, "भूलेगा नहीं बिहार, वह लालूवाद का जंगलराज। उस समय क्या हालात थे? वह लालूवाद का खौफनाक मंजर आज भी याद है।"

उन्होंने कहा कि उस समय लफंगे नेताओं के हाथ में सत्ता थी। उस दौर के कई समाचार पत्रों के कतरनों को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि उस समय की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री भ्रष्टाचारी हैं। उस समय उच्च न्यायालय ने कहा था कि रिश्तेदारों को ठेका दिया जाता है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये बातें वे नहीं बोल रहे हैं, बल्कि उस समय ये खबरें अखबारों में छपी थीं। उस समय कानून खामोश था। उन्होंने कहा कि जब लालू यादव चुनावी मैदान में उतर गए, तो बिहार और देश की जनता को उस समय को याद कराना आवश्यक था।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम राजनीतिक घटनाओं को निष्पक्षता से समझें। जदयू द्वारा प्रदर्शनी लगाना एक रणनीतिक कदम है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि यह केवल अतीत की घटनाओं को उजागर नहीं करता, बल्कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

जदयू ने प्रदर्शनी क्यों लगाई?
जदयू ने राजद के शासनकाल के दौरान हुए नरसंहारों की याद दिलाने और बिहार की जनता को उस समय की समस्याओं से अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी लगाई।
इस प्रदर्शनी में क्या दिखाया गया?
प्रदर्शनी में राजद के शासनकाल की तस्वीरें, समाचार पत्रों के कटिंग और उस समय के घटनाक्रमों को दर्शाने वाले पोस्टर लगाए गए हैं।