क्या झारखंड के पाकुड़ में बिजली संकट से त्रस्त लोगों का सब्र टूटा?

सारांश
Key Takeaways
- पाकुड़ में बिजली संकट से लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
- ग्रामीणों ने 10 घंटे तक सड़क जाम किया।
- अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन जारी रहेगा।
पाकुड़, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पाकुड़ में बिजली संकट से परेशान लोगों का सब्र टूट गया। बुधवार आधी रात के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और पाकुड़-धुलियान मुख्य पथ को जाम कर दिया। यह जाम करीब 10 घंटे बाद गुरुवार दोपहर समाप्त हुआ।
अधिकारियों से वार्ता के बाद ग्रामीण जाम हटाने पर राजी हुए, लेकिन चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो वे फिर सड़कों पर उतरेंगे। लोगों का कहना है कि पूरे जिले में रोजाना महज 2-3 घंटे ही बिजली दी जा रही है।
इस भीषण गर्मी और उमस में हालात और बदतर हो गए हैं। स्कूली बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों-मरीजों का हाल बुरा है। कई बार विभाग के अफसरों से शिकायत की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सड़क जाम की वजह से पाकुड़-धुलियान मुख्य पथ पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घंटों तक यात्री फंसे रहे।
ग्रामीणों ने बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। गुरुवार को प्रभारी अंचल अधिकारी समीर अल्फ्रेड मुर्मू और मुफस्सिल थाना प्रभारी संजीव झा मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर समस्या को समझा। प्रभारी अंचल अधिकारी ने माना कि बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर है और इसे जल्द सुधारने के लिए जिला प्रशासन और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी।
उन्होंने ग्रामीणों को नियमित बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम हटाया गया। कुछ दिन पहले जिले के हिरणपुर थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव में ट्रांसफार्मर की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने हिरणपुर-डांगापाड़ा मुख्य सड़क को करीब 4 घंटे तक जाम किया था। इसी तरह 5 जून को लिट्टीपाड़ा में भी बिजली आपूर्ति और लो वोल्टेज की समस्या को लेकर लोगों ने लिट्टीपाड़ा-साहिबगंज मुख्य सड़क को तिलका मांझी चौक के पास जाम कर विरोध दर्ज कराया था।
ग्रामीण उपभोक्ताओं का कहना है कि लंबे समय से बिजली की अनियमित आपूर्ति की समस्या बनी हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस बार भी अधिकारियों का आश्वासन जमीन पर नहीं उतरा, तो वे सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।