क्या झारखंड भाजपा का आरोप सही है, 'राज्य में स्वास्थ्य मंत्री के संरक्षण में टेंडर घोटाला, एक ही परिवार को मिले 11 ठेके'?

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क्या झारखंड भाजपा का आरोप सही है, 'राज्य में स्वास्थ्य मंत्री के संरक्षण में टेंडर घोटाला, एक ही परिवार को मिले 11 ठेके'?

सारांश

क्या झारखंड भाजपा का आरोप सही है? स्वास्थ्य विभाग में टेंडरों के आवंटन में बड़ी गड़बड़ी का आरोप। जानें पूरी जानकारी!

Key Takeaways

  • भाजपा का आरोप - स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी और पक्षपात।
  • 11 टेंडर एक ही परिवार की कंपनियों को दिए गए।
  • कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक ही पते पर।
  • स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का संरक्षण।
  • भाजपा का सड़क से सदन तक उठाने का निर्णय।

रांची, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड भाजपा ने राज्य में स्वास्थ्य विभाग में टेंडरों के आवंटन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और पक्षपात का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रवक्ता अजय शाह ने रविवार को झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पिछले एक वर्ष में राज्य के छह जिलों में स्वास्थ्य उपकरणों और दवाओं की सप्लाई के सारे टेंडर एक ही परिवार की कंपनियों को दिए गए। इतना ही नहीं, ये सभी कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं।

पार्टी प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इससे संबंधित दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया कि यह एक बड़ा घोटाला है, जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के संरक्षण में अंजाम दिया गया है।

भाजपा की ओर से जारी दस्तावेजों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में स्वास्थ्य विभाग ने रांची, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला, बोकारो और देवघर जिलों में 11 टेंडर जारी किए। ये सभी टेंडर रांची के एक ही परिवार की तीन कंपनियों- हिंद इंफ्राटेक, भारत सप्लायर्स और ग्लोबल सप्लायर्स को दिए गए। इन तीनों कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक ही पते से हुआ है और इनमें से दो में एक ही व्यक्ति डायरेक्टर है।

अजय साह ने दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि इन सभी कंपनियों के डायरेक्टर खास धर्म के अनुयायी हैं। उन्होंने जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) पोर्टल के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि यदि एक ही व्यक्ति अलग-अलग कंपनियों के जरिए बोली लगाता है तो उसकी बिड तकनीकी रूप से अयोग्य मानी जाती है। इसके बावजूद इन कंपनियों को योग्य घोषित कर न सिर्फ वर्क ऑर्डर जारी किया गया, बल्कि भुगतान तक कर दिया गया।

उन्होंने इसे 'सुनियोजित लूट' करार दिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इतनी बड़ी अनियमितता स्वास्थ्य मंत्री की जानकारी और संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकती। उनके अनुसार, विभाग में टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसमें 'धार्मिक तुष्टीकरण' की झलक साफ दिखाई देती है।

उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस पार्टी एक ओर संविधान की रक्षा की बात करती है, वहीं उसकी सरकार में एक ही समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। रिम्स-2 परियोजना की चर्चा भी केवल नए ठेकों के जरिए आर्थिक लाभ उठाने के उद्देश्य से हो रही है, न कि राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यदि सरकार इस मामले में चुप्पी साधे रहती है, तो इसे घोटाले में सीधी संलिप्तता माना जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी इस मुद्दे को सड़क से सदन तक उठाएगी और जनता को सच्चाई से अवगत कराएगी।

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो। यदि गड़बड़ी हुई है, तो यह न केवल राजनीतिक मुद्दा है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाता है। हमें यह देखना होगा कि संबंधित अधिकारी और मंत्री इस पर क्या कार्रवाई करते हैं और क्या जनता को सही जानकारी मिलती है।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड भाजपा ने आरोप क्यों लगाया?
भाजपा ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में टेंडरों का आवंटन बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और पक्षपात के साथ हुआ है।
कौन से जिले शामिल हैं?
रांची, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला, बोकारो और देवघर जिलों में टेंडर जारी किए गए हैं।
क्या कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक ही पते पर है?
जी हां, सभी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक ही पते पर हुआ है।
क्या स्वास्थ्य मंत्री का इसमें कोई संबंध है?
भाजपा का आरोप है कि यह घोटाला स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के संरक्षण में हुआ है।
भाजपा इस मामले में क्या कदम उठाएगी?
भाजपा ने इस मुद्दे को सड़क से सदन तक उठाने का निर्णय लिया है।