क्या झारखंड के हजारीबाग में हुई दोहरी हत्या कांड के सभी आरोपी पकड़े गए?

सारांश
Key Takeaways
- हजारीबाग में दोहरी हत्या कांड का मामला गंभीर है।
- पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
- सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है।
- स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी मुद्दे का हिस्सा है।
- पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन हुआ है।
हजारीबाग, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र में जुलाई माह में हुई दोहरी हत्या कांड में पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में देवकी प्रजापति, शिबू यादव उर्फ पिंटू उर्फ छोटू, महानंद प्रजापति, दिनेश प्रजापति उर्फ दिनेश्वर, बडु गोप उर्फ सिकंदर गोप, गोपी जी उर्फ घनश्याम यादव, गणेश यादव और राजु प्रजापति शामिल हैं। सभी आरोपी बड़कागांव थाना क्षेत्र के पिपराडीह गांव के निवासी बताए जा रहे हैं।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि 6 जुलाई 2025 की शाम को पिपराडीह गांव की संगीता देवी ने अपने पति दिनेश प्रजापति के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एक लाख रुपये के लेन-देन के विवाद में कुम्हरडीहा गांव के सुभाष प्रजापति ने उनके पति का अपहरण किया है।
जांच के दौरान 10 जुलाई को कुम्हरडीहा गांव के एक कुएं से दिनेश प्रजापति का शव बरामद हुआ। शव मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया। इसके अगले दिन, यानी 11 जुलाई को, आक्रोशित भीड़ कुम्हरडीहा गांव पहुंची और आरोपी सुभाष प्रजापति के पिता महेश प्रजापति को उनके घर से खींचकर बाजार टांड़ तक ले गई। वहां भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके अतिरिक्त, भीड़ ने सुभाष प्रजापति के घर में लूटपाट और आगजनी की तथा पुलिस टीम पर भी हमला किया।
इस मामले में पुलिस ने 38 लोगों को नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, हजारीबाग के एसपी अंजनी अंजन ने बड़कागांव एसडीपीओ पवन कुमार के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया। टीम में कई थाना प्रभारी और सशस्त्र बलों के जवान शामिल थे। लगातार छापेमारी के बाद पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि फरार अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी रहेगा।