क्या झारखंड का अपराधी महेश साहा ओडिशा में अवैध हथियारों की खेप की सप्लाई करते हुए गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- महेश साहा को ओडिशा पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तारी में आठ सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 34 जिंदा कारतूस बरामद हुए।
- यह गिरोह पिछले 13 सालों से सक्रिय था।
- गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हो सकता है।
- पुलिस की कार्रवाई से क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार होगा।
रांची, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अवैध हथियारों की तस्करी में सक्रिय झारखंड का अपराधी महेश साहा उर्फ टीपू को ओडिशा पुलिस ने उसके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी पुरी जिले में बुधवार को हुई। पुरी कमिश्नरेट पुलिस की स्पेशल क्राइम यूनिट ने कार्रवाई करते हुए उनके पास से आठ सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 34 जिंदा कारतूस बरामद किए।
पुलिस के अनुसार, महेश साहा लंबे समय से ओडिशा, झारखंड और बिहार में आपराधिक गिरोहों को हथियारों की सप्लाई कर रहा था। उस पर पुलिस की नजर काफी समय से थी। जानकारी मिली थी कि वह पुरी में हथियारों की एक बड़ी डील करने वाला था। इसके बाद हतियासुनी चौक के पास घेराबंदी कर उसे दबोचा गया। तलाशी के दौरान हथियारों की खेप बरामद हुई।
गिरफ्तार किए गए अन्य दो आरोपी ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले मोहम्मद सकाबत और फिरोज अली खान बताए गए हैं। तीनों से उनके नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जा रही है। ओडिशा पुलिस ने महेश की गिरफ्तारी की सूचना झारखंड पुलिस को भी दी है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हथियार सप्लाई करने वाले इस नेटवर्क की जड़ें कई राज्यों तक फैली हो सकती हैं। अब तक कितने हथियार इस चैनल के जरिये अपराधियों तक पहुंचे और किन घटनाओं में इनका इस्तेमाल हुआ, इसकी जांच की जा रही है।
पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह पिछले 13 सालों से सक्रिय है। झारखंड से ओडिशा और आसपास के राज्यों में अपराधियों को हथियार सप्लाई कर रहा था। इन हथियारों का इस्तेमाल रंगदारी वसूली और अन्य आपराधिक घटनाओं में किया जाता था। कमिश्नरेट पुलिस ने कहा कि इस गिरोह के पकड़े जाने से क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि संगठित अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में यह कार्रवाई बड़ी सफलता है और इससे अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में आसानी होगी।