क्या झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों के आईईडी विस्फोट से हाथी की जान पर बन आई?

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क्या झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों के आईईडी विस्फोट से हाथी की जान पर बन आई?

सारांश

झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट ने एक जंगली हाथी की जान को खतरे में डाल दिया है। जानिए इस घटना की पूरी जानकारी और इससे जुड़े खतरों के बारे में।

Key Takeaways

  • सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी से जंगली जीवों को खतरा है।
  • हाथी की चिकित्सा में वन विभाग और पशु चिकित्सक जुटे हैं।
  • स्थानीय समुदाय का वन्य जीवों के प्रति प्रेम और चिंता।
  • आवश्यकता है कि विस्फोटक उपकरणों के खतरे को गंभीरता से लिया जाए।
  • संक्रमण से बचाव के लिए निरंतर निगरानी जरूरी है।

चाईबासा, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट के कारण एक जंगली हाथी की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। इस मादा हाथी का दायां आगे का पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गया है।

सूचना मिलने पर वन विभाग और पशु चिकित्सकों की टीम सोमवार को मौके पर पहुंची और लगभग चार घंटे की कठिनाई के बाद घायल हाथी का प्राथमिक उपचार आरंभ किया गया।

इलाज के दौरान हाथी को केले में दवा मिलाकर दी गई, जिसे उसने खा लिया। वन विभाग की टीम अब लगातार उसकी देखरेख कर रही है ताकि संक्रमण न बढ़ सके।

पशु चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि हाथी को एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवाएं दी गई हैं। उन्होंने कहा कि हाथी की स्थिति गंभीर है, लेकिन हम इसे सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बेहतर उपचार देने की कोशिश कर रहे हैं।

बताया गया है कि घायल हाथी की उम्र लगभग 10 से 12 वर्ष है और वह फिलहाल चलने में असमर्थ है। वन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि जंगल में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए विस्फोटक वन्य जीवों के लिए भी गंभीर खतरा बन चुके हैं।

यह पहली बार नहीं है, जब सारंडा में हाथी नक्सलियों की आईईडी का शिकार बने हैं। इससे पहले 5 जुलाई को इसी क्षेत्र में एक छह वर्षीय हाथी विस्फोट के कारण घायल होकर मर गया था।

स्थानीय ग्रामीण उस हाथी को प्यार से ‘गडरू’ नाम से पुकारते थे। वह 24 जून को विस्फोट में घायल हुआ था और कई दिनों तक पीड़ा में घिसटता रहा। वन विभाग ने तब गुजरात की संस्था ‘वनतारा’ की मेडिकल रेस्क्यू टीम की मदद ली थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद वह हाथी नहीं बच पाया था।

Point of View

यह घटना न केवल वन्य जीवों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी सुरक्षा स्थिति पर भी सवाल उठाती है। हमें वन्य जीवन और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

हाथी को कौन सी चिकित्सा सहायता दी जा रही है?
हाथी को एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवाएं दी जा रही हैं।
क्या आईईडी विस्फोट से पहले भी इस क्षेत्र में हाथी घायल हुए हैं?
जी हां, इससे पहले भी सारंडा जंगल में हाथी आईईडी विस्फोट का शिकार बने हैं।