झारखंड के मंत्री इरफान को कोर्ट से बड़ा झटका क्यों मिला?

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झारखंड के मंत्री इरफान को कोर्ट से बड़ा झटका क्यों मिला?

सारांश

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को रांची सिविल कोर्ट से एक बड़ा झटका मिला है। योग शिक्षिका राफिया नाज पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनकी सशरीर उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज हो गई है। उन्हें अब अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। जानिए इस मामले का विस्तार।

Key Takeaways

  • मंत्री इरफान अंसारी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा।
  • शिकायतकर्ता राफिया नाज ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • कोर्ट ने मंत्री की याचिका को खारिज किया।
  • यह मामला 2020 से चल रहा है।
  • मामले के राजनीतिक प्रभाव भी हो सकते हैं।

रांची, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योग शिक्षिका राफिया नाज पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री एवं जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को रांची सिविल कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है।

कोर्ट ने उनकी सशरीर उपस्थिति से छूट की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके बाद उन्हें सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना अनिवार्य होगा।

यह आदेश बुधवार को एमपी/एमएलए मामलों के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने सुनाया।

मंत्री अंसारी ने 23 मई को अदालत में उपस्थिति से छूट के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर 5 जुलाई को दोनों पक्षों की अंतिम बहस के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।

शिकायतकर्ता राफिया नाज के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार वर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मंत्री का मुख्यालय रांची में है और अदालत भी निकटता में स्थित है, इसलिए उपस्थिति से छूट का कोई औचित्य नहीं है।

बचाव पक्ष ने याचिका पर विस्तार से दलीलें दी थीं, जिसमें मंत्री की व्यस्तता का हवाला दिया गया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

यह मामला 19 अगस्त 2020 का है, जब रांची के डोरंडा निवासी योग शिक्षिका राफिया नाज ने इरफान अंसारी के खिलाफ सिविल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी।

आरोप है कि मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल पर उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई और धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

शिकायत में अंसारी पर स्त्री लज्जा भंग करने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और जानबूझकर अपमानित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

मामले में कोर्ट ने इसी साल फरवरी में मानहानि और शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करने की धाराओं में संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ समन जारी किया था।

Point of View

बल्कि यह झारखंड की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को भी दर्शाता है। कोर्ट का फैसला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि सार्वजनिक व्यक्तित्वों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

इरफान अंसारी को कोर्ट से क्या झटका मिला?
इरफान अंसारी की सशरीर उपस्थिति से छूट की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
यह मामला किसके खिलाफ है?
यह मामला योग शिक्षिका राफिया नाज द्वारा इरफान अंसारी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत से संबंधित है।
कोर्ट ने कब आदेश दिया था?
कोर्ट ने यह आदेश बुधवार को सुनाया, जबकि याचिका 23 मई को दायर की गई थी।