क्या झारखंड हाईकोर्ट ने मदरसा शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी न देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया?

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क्या झारखंड हाईकोर्ट ने मदरसा शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी न देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया?

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट ने मदरसा शिक्षकों की पेंशन और ग्रेच्युटी की अनदेखी पर राज्य सरकार को कड़ा नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई में अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। यह मामला शिक्षकों के अधिकारों से जुड़ा है, जो व्यापक सामाजिक मुद्दा है।

Key Takeaways

  • झारखंड उच्च न्यायालय ने मदरसा शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा की है।
  • सरकार की अवहेलना पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
  • अगली सुनवाई में अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है।
  • शिक्षकों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी का मुद्दा महत्वपूर्ण है।

रांची, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य के मदरसा शिक्षकों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान न किए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति आनंदा सेन के नेतृत्व वाली बेंच ने 13 जून 2024 को पारित आदेश का पालन न करने को गंभीरता से लिया है और मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार और माध्यमिक शिक्षा एवं साक्षरता निदेशालय के निदेशक को अगली सुनवाई में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

अदालत ने विभाग के उच्च अधिकारियों से पूछा है कि अदालत के आदेश की अवहेलना के आरोप में उनके खिलाफ चार्ज क्यों न लगाया जाए? अदालत ने स्पष्ट किया है कि आदेशों की अनदेखी न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है। मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

सुनवाई के दौरान याचियों ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2014 में एक संकल्प जारी किया था कि 2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले मदरसा शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस संकल्प को चुनौती देने पर 24 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय ने सरकार के निर्णय को रद्द करते हुए संबंधित शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं होने पर प्रार्थियों ने अवमानना याचिका दायर की।

इस बीच, सरकार ने एक शपथ पत्र दाखिल कर दावा किया कि संबंधित शिक्षकों को भुगतान कर दिया गया है। हालाँकि, याचियों ने इसके विपरीत कहा कि उन्हें अभी तक भुगतान नहीं मिला है। इसी क्रम में मोहम्मद एजाबुल हक एवं अन्य की ओर से एक बार फिर उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की गई। अगली सुनवाई में दोनों अधिकारियों को अपने-अपने पक्ष में जवाब प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा अदालत आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

Point of View

बल्कि यह राज्य सरकार की प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही का भी सवाल उठाता है। उच्च न्यायालय के इस कड़े रुख से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को किस मामले में नोटिस दिया?
झारखंड हाईकोर्ट ने मदरसा शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान न करने के मामले में राज्य सरकार को नोटिस दिया है।
अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
सरकार ने शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान क्यों नहीं किया?
सरकार ने 2014 में एक संकल्प जारी किया था कि 2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले मदरसा शिक्षकों को यह लाभ नहीं दिया जाएगा।
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