क्या झारखंड में फर्जी ट्रेडिंग ऐप से करोड़ों का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता जरूरी है।
- फर्जी ऐप्स की पहचान कैसे करें।
- पुलिस की तत्परता महत्वपूर्ण है।
- धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में शिकायत अवश्य करें।
- ऑनलाइन निवेश करते समय सावधानी बरतें।
रांची, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) की साइबर क्राइम सेल ने एक चौंकाने वाले ऑनलाइन फ्रॉड का पर्दाफाश किया है।
देवघर के एक 19 वर्षीय युवक ने “कैंटीलॉन” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से देशभर के निवेशकों से करोड़ों रुपये ठग लिए। सीआईडी ने उसे शुक्रवार को देवघर में गिरफ्तार किया है। सीआईडी अन्य आरोपियों की पकड़ के लिए प्रयासरत है।
आरोपी की पहचान यशवर्धन कुमार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बिहार के गयाजी का निवासी है और वर्तमान में देवघर में रह रहा था। उसके खिलाफ देश के कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं।
पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, ठगी से संबंधित चैट और बैंक खाता की जानकारी बरामद की है। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित की शिकायत पर 23 अगस्त 2025 को एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सऐप चैट पर कैंटीलोन नामक ट्रेडिंग ऐप में निवेश के लिए ललचाया। ऐप पर नकली लाभ दिखाकर पीड़ित को भरोसा दिलाया गया कि उसे उच्च रिटर्न मिलेगा। इस झांसे में आकर उसने लगभग 44 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, आरोपी के बैंक खाते में धोखाधड़ी से धन ट्रांसफर कराने की 46 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
इनमें तेलंगाना (04), उत्तराखंड (01), झारखंड (01), छत्तीसगढ़ (02), पश्चिम बंगाल (01), तमिलनाडु (04), राजस्थान (01), मध्य प्रदेश (01), महाराष्ट्र (04), कर्नाटक (08), केरल (01), हिमाचल प्रदेश (01), गुजरात (06), दिल्ली (02), बिहार (02), आंध्र प्रदेश (02) और उत्तर प्रदेश (05) की शिकायतें शामिल हैं।
सीआईडी का कहना है कि गिरफ्तार युवक केवल इस नेटवर्क की एक कड़ी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि इसके पीछे कौन-सा गैंग सक्रिय है।