क्या झारखंड में माफिया, पुलिस और सरकार की मिलीभगत से बालू की लूट हो रही है? - बाबूलाल मरांडी

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क्या झारखंड में माफिया, पुलिस और सरकार की मिलीभगत से बालू की लूट हो रही है? - बाबूलाल मरांडी

Key Takeaways

  • झारखंड में अवैध बालू खनन की गंभीरता
  • माफिया, पुलिस और सरकार की मिलीभगत
  • पेसा कानून का महत्व
  • आदिवासी हितों की सुरक्षा की आवश्यकता
  • सरकार की जवाबदेही

रांची, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड भाजपा के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में चल रहे बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन पर हेमंत सोरेन सरकार को गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में बालू की लूट में माफिया, पुलिस और सरकार तीनों की मिलीभगत है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में पेसा (पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरिया एक्ट) कानून के लागू न होने का कारण बालू के धंधे से होने वाली अवैध कमाई है। यदि यह कानून लागू होता है तो बालू और अन्य लघु खनिजों के आवंटन में ग्रामसभाओं का सीधा हस्तक्षेप होगा।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पेसा कानून आदिवासियों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासी हितों की बात करने वाली सरकार किस आधार पर खुद को आदिवासी हितैषी बताती है, जब वह इस कानून को लागू करने से कतराती है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाई कोर्ट ने बालू खनन पर रोक लगा रखी है, फिर भी अवैध खनन जारी है। उनके अनुसार, सरकार कोर्ट में समय मांगती है और बाहर निकलते ही अवैध खनन को बढ़ावा देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता से ऊंची कीमतों पर बालू बेचकर लूटा जा रहा है।

मरांडी ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि यदि यह सब सरकार की सहमति से नहीं हो रहा है, तो मुख्यमंत्री अवैध बालू खनन रोककर दिखाएं और माफिया के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा नहीं कर पाएगी क्योंकि सरकार और माफिया एक-दूसरे पर निर्भर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड की जल, जंगल और जमीन के नाम पर जिन लोगों को सत्ता मिली, उनकी स्वार्थी नीतियों के कारण राज्य की प्राकृतिक संपदा संकट में है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब वे बालू, कोयला, पत्थर और शराब से जुड़े मुद्दे उठाते हैं तो सरकार इसे राजनीतिक आरोप बताती है, लेकिन यदि इन माध्यमों से राज्य को लूटा जा रहा है, तो सवाल भी इन्हीं पर उठेंगे। मरांडी ने कहा कि यदि उनके आरोप गलत हैं तो सरकार तथ्यों के साथ इसका खंडन करे। उन्होंने यह भी कहा कि जनता अंततः हर मामले का हिसाब करती है और बालू से जुड़े मामलों का भी हिसाब होगा।

Point of View

तो इसे सख्ती से रोकने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य की प्राकृतिक संपदा की सुरक्षा हो और आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा की जाए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड में अवैध बालू खनन क्यों हो रहा है?
बाबूलाल मरांडी के अनुसार, माफिया, पुलिस और सरकार की मिलीभगत के कारण अवैध बालू खनन हो रहा है।
पेसा कानून क्या है?
पेसा कानून आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन इसे झारखंड सरकार द्वारा लागू नहीं किया जा रहा है।
क्या हाई कोर्ट ने बालू खनन पर रोक लगाई है?
हाँ, हाई कोर्ट ने बालू खनन पर रोक लगा रखी है, फिर भी अवैध खनन जारी है।
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