क्या झारखंड के जंगल में नक्सलियों के बारूदी विस्फोट ने गजराज की जान ली?

Click to start listening
क्या झारखंड के जंगल में नक्सलियों के बारूदी विस्फोट ने गजराज की जान ली?

सारांश

झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूद ने एक छोटे हाथी की जान ले ली। इस घटना ने न केवल वन विभाग को झकझोर दिया है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी गहरा दुख पैदा कर दिया है। क्या यह घटना नक्सलवाद की गंभीरता को और बढ़ा देगी?

Key Takeaways

  • गजराज की मृत्यु ने वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता को उजागर किया।
  • नक्सलवाद और उसके द्वारा किए जाने वाले नुकसान की गंभीरता को समझना चाहिए।
  • स्थानीय समुदायों और वन विभाग के बीच सहयोग की आवश्यकता है।

चाईबासा, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में माओवादी नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूद ने एक गजराज की जान ले ली। छह वर्ष का यह हाथी, जिसे स्थानीय लोग गडरू कहते थे, जंगल में घूमते समय आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।

वन विभाग ने चार-पांच दिनों पहले ड्रोन के माध्यम से उसकी लोकेशन का पता लगाया था। उसके बाद से रेस्क्यू के प्रयास जारी थे।

वन विभाग की अपील पर, गुजरात की वनतारा संस्था की मेडिकल टीम शनिवार को सारंडा पहुंची। इस टीम ने हाथी को ट्रैंकुलाइज करने के बाद उसे जराईकेला शहर लाया। पूरी रात इलाज के बावजूद गडरू की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और रविवार को उसने दम तोड़ दिया।

मेडिकल टीम के अनुसार, हाथी के पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। वन विभाग के मुताबिक, सारंडा जंगल के दीघा इलाके में 24 जून को जमीन के नीचे रखी गई आईईडी का जोरदार विस्फोट हुआ, जिसके कारण गडरू का पिछला बायां पैर लहूलुहान हो गया। वह घिसटते हुए एक नाले के पास पहुंच गया था।

इस विस्फोट की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों ने विभाग को दी थी। इसके बाद ड्रोन के जरिए उसकी लोकेशन ट्रैक करते हुए वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

गडरू की मौत से सारंडा और आसपास के लोग बेहद दुखी हैं। पश्चिमी सिंहभूम का सारंडा वन क्षेत्र नक्सल प्रभावित है। यहां नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जगह-जगह आईईडी बिछाई हैं। पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में आईईडी विस्फोट में सुरक्षा बलों और पुलिस के पांच जवानों सहित 14 लोगों की जान जा चुकी है।

Point of View

NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

गजराज का नाम क्या था?
गजराज का नाम 'गडरू' था, जिसे स्थानीय लोग इस नाम से बुलाते थे।
यह घटना कब हुई?
यह घटना 6 जुलाई को हुई जब गडरू आईईडी विस्फोट का शिकार हुआ।
गजराज की मौत का कारण क्या था?
गजराज की मौत का कारण आईईडी विस्फोट से होने वाली गंभीर चोटें और संक्रमण थीं।
क्या वन विभाग ने गजराज का इलाज किया था?
हाँ, वन विभाग ने गजराज का इलाज करने के लिए मेडिकल टीम को बुलाया था लेकिन वह बच नहीं सका।
सारंडा जंगल में नक्सलियों की गतिविधियाँ कैसी हैं?
सारंडा जंगल एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है जहां नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने के लिए आईईडी बिछाई हैं।