क्या शिबू सोरेन के निधन से झारखंड में शोक छा गया?

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क्या शिबू सोरेन के निधन से झारखंड में शोक छा गया?

सारांश

झारखंड विधानसभा ने शिबू सोरेन के निधन के कारण अनिश्चितकाल के लिए सत्र स्थगित कर दिया है। शिबू सोरेन, जो झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता थे, उनके योगदान को याद किया जा रहा है। उनके निधन की खबर ने पूरे राज्य को शोक में डूबो दिया है, जिससे राजनीति में एक बड़ा ख vacío बन गया है।

Key Takeaways

  • शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
  • उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • झारखंड विधानसभा ने शोक में सत्र स्थगित किया।
  • उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
  • शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन में नेतृत्व किया।

रांची, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड आंदोलन के महानायक, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन के कारण झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह सत्र 7 अगस्त तक चलने वाला था।

सोमवार को सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने शिबू सोरेन के निधन की दुखद सूचना दी। उन्होंने कहा, “आज का दिन झारखंड की राजनीति और समाज के लिए अत्यंत दुखद है। दिशोम गुरु अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने अपने जीवन का हर पल वंचितों, आदिवासियों और झारखंड की पहचान के लिए समर्पित किया। इस महान योद्धा का जाना केवल झारखंड के लिए नहीं, अपितु पूरे भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”

विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के बाद सदन में कुछ क्षणों के लिए शोक का माहौल बना रहा। विधायकों ने खड़े होकर ‘वीर शिबू सोरेन अमर रहें’, ‘दिशोम गुरु अमर रहे’ के नारों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी दलों के नेताओं ने शिबू सोरेन के राजनीतिक जीवन, आदिवासी समाज के उत्थान में उनके योगदान और झारखंड आंदोलन में उनकी केंद्रीय भूमिका को याद किया।

झारखंड सरकार के मंत्रियों, विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी और सदन में उपस्थित सभी विधायकों ने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की। शिबू सोरेन तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, कई बार सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे। 81 वर्षीय सोरेन का निधन नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में सोमवार की सुबह हुआ। उन्हें 18 जून को ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक दुखद क्षण है। उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाया। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस समय जब झारखंड को नई दिशा की आवश्यकता है, उनकी कमी का अहसास होना स्वाभाविक है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

शिबू सोरेन का निधन कब हुआ?
शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त को हुआ।
शिबू सोरेन ने झारखंड के लिए क्या किया?
उन्होंने झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम किया।
झारखंड विधानसभा ने क्या निर्णय लिया?
झारखंड विधानसभा ने शिबू सोरेन के निधन के कारण अनिश्चितकाल के लिए सत्र स्थगित कर दिया।
शिबू सोरेन की उम्र क्या थी?
शिबू सोरेन की उम्र 81 वर्ष थी।
उनका अंतिम संस्कार कब होगा?
अंतिम संस्कार की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है।