क्या झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला है?

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क्या झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला है?

सारांश

झारखंड में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। भाजपा की मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जानें पूरी कहानी इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की सुरक्षा आवश्यक है।
  • स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग उठाई गई है।
  • राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं।
  • भाजपा ने राज्यव्यापी प्रदर्शन किया है।
  • दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

रांची, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चाईबासा और रांची में थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई और स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। पार्टी के सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभी जिलों में सिविल सर्जन कार्यालयों के सामने धरना दिया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया।

राजधानी रांची में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के इस्तीफे की मांग की। भाजपा विधायक और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीपी सिंह ने कहा कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त का चढ़ाया जाना एक अमानवीय अपराध है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की जिंदगी को महज दो लाख रुपये में तौला गया है। यह सरकार स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में विफल रही है। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबी हुई है। स्वास्थ्य विभाग लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है और इसके लिए सीधे तौर पर मंत्री इरफान अंसारी जिम्मेदार हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब भी मंत्री से जवाब मांगा जाता है, तो वे इसे भाजपा की साजिश या धार्मिक भेदभाव का मुद्दा बताकर टाल देते हैं। प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2021 में ही चाईबासा ब्लड बैंक में गंभीर खामियों की ओर ध्यान दिलाया था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण अस्पताल 'इलाज केंद्र नहीं, मौतघर' बनते जा रहे हैं। पार्टी ने धरना-प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उपायुक्तों को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि पूरे प्रकरण की जांच झारखंड उच्च न्यायालय के सिटिंग जज या सीबीआई से कराई जाए। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई और स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की अनुशंसा की जाए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन तेज करेगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सेवाओं में इस तरह की लापरवाही न केवल बच्चों के जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य ढांचे पर भी गंभीर सवाल उठाती है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या थैलेसीमिया एक गंभीर बीमारी है?
हाँ, थैलेसीमिया एक रक्त विकार है जो शरीर में रक्त के उत्पादन में समस्या उत्पन्न करता है।
बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला कब हुआ?
यह मामला हाल ही में चाईबासा और रांची में सामने आया है।
भाजपा ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की है और राज्यव्यापी प्रदर्शन किया है।
सरकार ने इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया है।
इस मामले की जांच कौन करेगा?
भाजपा ने मांग की है कि जांच झारखंड उच्च न्यायालय के सिटिंग जज या सीबीआई से कराई जाए।